व्यवसाई इंदर चंद बोथरा का कहना है कि प्रशासनिक पदाधिकारियों की अनदेखी के कारण यहां अग्निशामक की छोटी गाड़ी दी गई है जहां दो बड़े अग्निशामक गाड़ी की आवश्यकता है.
गौरतलब हो कि मुरलीगंज व्यवसायिक दृष्टिकोण से पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से मिनी कोलकाता के नाम से मशहूर है लेकिन जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण मिनी कोलकाता के नाम से जाने जाने वाले मुरलीगंज शहर से व्यवसायियों का पिछले कई वर्षों से पलायन होता चला जा रहा है. यहां व्यवसायियों को सुरक्षा के नाम पर कुछ भी उपलब्ध नहीं है. एक तरफ व्यवसायियों की अपराधियों द्वारा गोली मारकर हत्या की जाती है तो वहीं दूसरी तरफ व्यवसायियों के गोदाम आग के हवाले हो जाते हैं. अग्निशामक के रूप में बस एक छोटी सी गाड़ी जिसमें 200 लीटर पानी भंडारण की क्षमता होती है, दे दी गई है जो ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन साबित हो रही है.
बताया जा रहा है सोमवार 2:00 बजे तक आग पर काबू पाने की काफी मशक्कत की जा रही थी. वहीं मौके पर मौजूद सीनियर डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट अग्निशामक कोसी रेंज अखिलेश कुमार ठाकुर ने बताया कि मधेपुरा समेत अंतरजिला बनमनखी, धमदाहा, मधेपुरा, सहरसा आदि जगहों से पहुंची अग्नि शमन दस्ता आग बुझाने का काम कर रहे हैं. दर्जनों अग्निशामक कर्मचारी मशक्कत कर रहे हैं.
हालांकि आग कैसे लगी फिलहाल इसका कोई खुलासा अब तक नहीं हो सका . स्थानीय लोगों के मुताबिक देर रात करीब 8 बजे अचानक जूट गोदाम में आग लगी जिसके बाद इलाके में अफरातफरी मच गई. वहीं स्थानीय लोगों के सूचना पर तत्काल बीडीओ अनिल कुमार और थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल ने अग्नि शमन दस्ता को घटना स्थल पर रवाना करवाया.
वहीं अंचलाधिकारी मुरलीगंज मुकेश कुमार सिंह ने घटनास्थल पर रात में ही पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे थे. हालांकि आग इतनी भीषण थी कि छोटे अग्नि शमन दस्ता आग पर काबू नहीं कर सके जिसके बाद पूर्णियां, ढमदाहा, बनमनखी आदि जगहों से अग्नि शमन दस्ता को बुलाया गया और आग पर काबू किए जाने की प्रयास किया जा रहा है.
वहीं कोसी रेंज अग्नि शमन दस्ता के कमांडेंट अखलेश ठाकुर ने बताया कि आग काफी भीषण थी और गोदाम के ऊपर टीना का सेड बना हुआ था जिस कारण आग पर काबू कर पाना मुश्किल हो रहा था. हालांकि आग बुझाने का कार्य देर रात से ही चल रहा है. कई अग्नि शमन वाहन व कर्मी आग पर काबू करने का प्रयास भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि काफी बड़ी क्षति हुई है जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल है.

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