74 वर्षों से उपेक्षित रहा स्कूल, पर इसकी छात्रा ने मैराथन दौड़ में जिले में पाया पहला स्थान

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड के राजकीय उच्च विद्यालय अमारी की वर्ग दशम की छात्रा सोनी कुमारी ने मैराथन पहला स्थान प्राप्त कर लहराया परचम, विद्यालय परिवार द्वारा छात्रा सोनी कुमारी को किया सम्मानित.

जिले का एकमात्र राजकीय उच्च विद्यालय अमारी की वर्ग दशम की छात्रा सोनी कुमारी ने नशामुक्त बिहार मैराथन में दौड़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय को गौरवान्वित किया.आज विद्यालय प्रांगण में विद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों द्वारा सोनी कुमारी को सम्मानित किया गया.

मौके पर विद्यालय के छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए सोनी ने कहा कि लगभग जिले भर से 800 प्रतिभागी मैराथन दौड़ में भाग लिए थे. जिसमें राजकीय/राजिकीयकृत/प्रोजेक्ट विद्यालय के सैकड़ों छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया. दौड़ प्रातः 6 बजे बी. एन. मंडल स्टेडियम से प्रारंभ होकर 5 किलोमीटर की दूरी कर्पूरी चौक, एसबीआई रोड चौक, थाना चौक, कॉलेज चौक होते हुए पुनः बी. एन. मंडल स्टेडियम में समाप्त हुआ. 

उन सभी प्रतिभागियों में प्रथम स्थान पाना बड़ी बात थी. दरअसल ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय में खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन नहीं के बराबर होता है. खासकर ग्रामीण क्षेत्र उपेक्षा का शिकार बने रहते हैं. खेलकूद को अपनी दिनचर्या में शामिल कर विद्यार्थी पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. खेल उनके दिमाग को तरोताजा, शारीरिक रूप से फिट रखेंगे और उनके अध्ययन की दिनचर्या में अनुशासन जोड़ेंगे.

सोनी ने दौड़ की तैयारी विद्यालय के खेल शिक्षक राजन कुमार राजू की संरक्षण में किया. विद्यालय के विज्ञान शिक्षक डॉ सुनील कुमार ने बताया कि विद्यालय में प्रतिभा की कमी नहीं है. जिले का एकमात्र राजकीय विद्यालय होने के बाद भी अभी तक शिक्षा विभाग मधेपुरा के उपेक्षा के शिकार बना है. यहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है. 1948 की स्थापना काल के जर्जर भवन में ही आज तक विद्यालय चल रहा है. जिसके कारण पठन-पाठन में काफी कठिनाई आती है. जबकि बच्चों में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है. जरूरत है सिर्फ उसे निखारने की. 

साथ ही उन्होंने बताया कि विद्यालय में पिछले कुछ वर्षो में यहाँ के शिक्षा का स्तर सुधरा भी है. खेल प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए अभी जिलास्तर पर वो प्रयास नहीं हो सका है लेकिन वो कोशिश में हैं कि यहाँ जिलास्तरीय स्टेडियम का निर्माण हो, खेलों को प्रशिक्षण देने के लिए कोच लगाए जाएं. उन्होंने कहा कि इस तीन दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता में प्रत्येक छात्र अपना बेहतर प्रदर्शन करें और खेल को खेल की भावना से खेले. प्रखंड स्तर से लेकर राज्य स्तर तक अपने खेल की प्रतिभा का लोहा मनवाने की क्षमता यहां के बच्चों में है, जिसे उभारने की आवश्यकता है.

74 वर्षों से उपेक्षित रहा स्कूल, पर इसकी छात्रा ने मैराथन दौड़ में जिले में पाया पहला स्थान 74 वर्षों से उपेक्षित रहा स्कूल, पर इसकी छात्रा ने मैराथन दौड़ में जिले में पाया पहला स्थान Reviewed by Rakesh Singh on November 21, 2022 Rating: 5

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