बेंगा नदी के के पुराने पुल के पास पोकलेन को लेकर पुराने डायवर्शन में डाले गए पुराने सड़क को हटाने का कार्य प्रारंभ किया गया है. वहीं उन्होंने बताया कि यहां पुराना डायवर्शन नदी के जल बहाव को पूरी तरह अवरुद्ध किए हुए था जिसके कारण शहर के अधिकांश हिस्से में आए दिन हल्की बारिश के बाद जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी. यहां तक कि नाले से भी पानी वापस कभी-कभी शहरों की ओर आने लगता था जिसकी सफाई का काम प्रारंभ करवाया गया है. कार्यपालक पदाधिकारी ने नदी के तट पर अवैध कब्जों को चिन्हित करने के लिए के लिए निर्देश दिए हैं। शहर की लाइफ लाइन कही जाने वाली बेंगा नदी का जल जीवन हरियाली की तरफ से इन के घाटों के पुनर्निर्माण एवं सफाई तथा सौंदर्यीकरण के लिए डीपीआर तैयार कर भेजा जाएगा.
उन्होंने बताया कि शहर के कुछ सब्जी विक्रेता जो सड़े हुए आलू, प्याज, टमाटर नदी में आकर रात के अंधेरे में फेंक देते हैं उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि कुछ मछली बाजार से भी लोग आकर यहां पर गंदगी फैलाने का काम करते हैं उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाने की बात बताई.
पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से के तटीय क्षेत्र पर अवैध अतिक्रमण कर भूमाफिया ने कब्जा कर रखा है। जिसके चलते यह अपना वजूद खोती जा रही है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि बेंगा ने सिकुड़कर नाले का स्वरूप ले लिया है। अब यह अपना अस्तित्व बचाने को जूझ रही है। दूसरी ओर उन्होंने कहा कि पुराने गंगा पुल पर दोनों तरफ से रास्ता खोल कर ओपन जिम इसी पर तैयार करवाया जाएगा जिससे शहर की बड़ी आबादी के लोग इस जिम का फायदा उठा सकेंगे.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 16, 2022
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