इस मौके पर बच्चों ने उनके विचारों और योगदानों की चर्चा करते हुए जहां स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान देने वाला बताया, वहीं शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान की चर्चा भी की विद्यालय की निर्देशिका सह निजी विद्यालय संघ की जिला सचिव चंद्रिका यादव ने कहा कि शिक्षा समाज को बदलने व आगे ले जाने का एक सशक्त हथियार है. शिक्षा के बिना हम विकास की कल्पना हरगिज नहीं कर सकते. शिक्षा इंसान की मूल पहचान है. भारत में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत नींव रखने का शत प्रतिशत श्रेय प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम को जाता है. उनका योगदान अनुकरणीय है.
हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि 1988 में मक्का में जन्मे कलाम भारत के उन रत्नों में से थे जिन्होंने आजाद मुल्क की आजादी में सर्वस्व न्योछावर किया तो आजादी के बाद भारत निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ी. शिक्षा के क्षेत्र में भारत विश्व पटल पर पुनः स्थापित हो इसके लिए उनके योगदान व प्रयास उन्हें राष्ट्र के सच्चे सपूत के रूप में स्थापित करते हैं. उनकी जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाना सच्चे अर्थों में उनके योगदान को सलाम करना है.
इस अवसर बच्चों ने मौलाना अबुल कलाम आजाद से जुड़ी पेंटिंग आर्ट टीचर दिलीप कुमार के निर्देशन में बनाकर प्रस्तुत किया, जिसे सबने सराहा. वहीं कई बच्चों ने शिक्षा से जुड़े थीम पर भी आर्ट बनाकर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया. इस अवसर पर उप प्राचार्य मदन कुमार, शिक्षक कृष्णा कुमार, राखी जमुआर, नूतन, उत्तम दास, शिव कुमार, प्रबाल झा सहित सभी शिक्षक, कर्मी व सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रही.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 11, 2022
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