मधेपुरा से पूर्णिया जाने वाली मुख्य मार्ग एनएच 107 की मुरलीगंज के के पी महाविद्यालय के पीछे से मीरगंज से गौशाला चौक होकर गुजरने वाली बायपास सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहण किए गए जमीन पर अब ग्रहण लग गया है. दरअसल एनएच 107 बाईपास के निर्माण में भू-स्वामी को सरकार की ओर से दी जाने वाली अधिग्रहण की राशि लेने से भू स्वामियों ने इंकार कर दिया। जिस वजह से सड़क निर्माण में बाधा उत्पन्न हो गई है।
गौरतलब हो कि मुरलीगंज के उत्तरी इससे में कब्रगाह से आगे बायपास निर्माण कार्य रुका पड़ा है. बीच के कुछ किसानों ने भू अधिग्रहण के मुआवजे की राशि लेने से इनकार कर दिया है जिसमें आज भूस्वामी से वार्ता करने के लिए अपर समाहर्ता अभिराम त्रिवेदी एवं सदर अनुमंडल पदाधिकारी नीरज कुमार ने किसानों और भू स्वामियों से वार्ता की. किसानों ने कहा कि पूर्व में जो 6 सदस्य 9 सदस्य टीम ने भूमि का मूल्यांकन किया है वह बिल्कुल ही गलत है. आज हमें एक कट्ठा जमीन का रजिस्ट्री मूल्य सरकार को डेढ़ लाख रुपया देना पड़ता है जबकि सरकार मुआवजे के तौर पर एक कट्ठा जमीन का सिर्फ रजिस्ट्री वैल्यू दे रही है तो फिर भूमि का सही मूल्यांकन हुआ कैसे? भूमि अधिग्रहण मुआवजे का पुनर्मूल्यांकन हो. मामले की सूचना पाते ही आज मौके पर पहुंचे एसडीएम नीरज कुमार और अपर समाहर्ता अभिराम त्रिवेदी के द्वारा भू स्वामियों के साथ वार्ता की गई ।
उन्हें समझाने बुझाने का प्रयास किया गया, करीब घंटों तक चली वार्ता लेकिन वार्ता असफल रही. स्थानीय भू स्वामियों ने बताया कि उनकी जमीन नगर पंचायत में पड़ती है और रजिस्ट्री का खर्च भी नगर पंचायत के मूल्यांकन के हिसाब से लग रहा है. लेकिन सरकार के द्वारा उन्हें ग्राम पंचायत के मूल्यांकन दर पर उन्हें अधिग्रहण की राशि दी जा रही है. वहीं उन्होंने भू स्वामियों से कहा कि आप की अपनी समस्या है, कमिश्नर साहब के पास या फिर न्यायालय में रखने के लिए स्वतंत्र हैं. न्यायालय या फिर बढ़िया पदाधिकारी जो मूल्यांकन करेंगे उसके अनुरूप आप भू स्वामियों को मुआवजा मिल जाएगा. तत्काल वर्तमान में जो मुआवजा मिल रहा है उसे स्वीकार करें और एनएच 107 निर्माण होने दें.
इसी बात को लेकर करीब 45 से 50 परिवारों में काफी नाराजगी है इससे पूर्व भी कई बार अपर समाहर्ता के द्वारा भू स्वामियों से वार्ता की गई । लेकिन वार्ता असफल रही. इस मामले को लेकर अपर समाहर्ता अभिराम त्रिवेदी ने कहा है कि भू-स्वामियों से वार्ता की गई है इनकी जो नाराजगी है या मामला कानूनी प्रक्रिया में चल रहा है फिलहाल सरकार की ओर से जो राशि इन्हें आवंटित की गई है वह इन्हें दी जाएगी और कानूनी प्रक्रिया के हिसाब से अगर इन लोगों के पक्ष में निर्णय आता है और इन्हें अधिग्रहण की राशि बढ़ाकर दिए जाने का आदेश मिलेगा तो इनकी राशि बढ़ा दी जाएगी ।

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