अभ्यर्थियों ने बताया कि बहाली प्रक्रिया के दोष के कारण 2011 और 2017 में ही बीटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का 2022 तक नियुक्ति नही हो पाया है. दूसरी ओर हाई स्कूल में लाखों सीट खाली रहने के बावजूद 2019 में एसटीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए 2022 तक भटक रहें हैं. शिक्षामंत्री ने विभाग से जानकारी इकट्ठा कर जल्द विज्ञापन निकालने का आश्वासन दिया. साथ ही कहा कि ऑनलाइन और सेंट्रलाइज्ड प्रक्रिया द्वारा साफ-सुथरी बहाली होगी. बिहार के नौकरी में बिहारी छात्रों को हक़ मिले इसके लिए डोमिसाइल नीति भी लागू की जाएगी.
अभ्यर्थियों ने 10 सूत्री माँग पत्र सौंपा-
1. एसटीईटी -2019 के 12 मार्च एवं 21 जून 2021 के अंक पत्रों का मिलान कर संपूर्ण बहाली हो.
2.बीसी कैटेगरी में पर्याप्त सीट हों.
3. बहाली में जिस कैटगरी की महिला की सीट खाली हो उसी कैटेगरी के पुरुषों से सीट से भरा जाय.
4. सातवें चरण बहाली में उच्चतर माध्यमिक, उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय एवं प्राथमिक विद्यालय में क्रमश: ऊपर से नीचे बहाली प्रक्रिया को अपनाया जाए.
5. बीटीईटी-2011 और 2017 एवं एसटीइटी-2011के अभ्यर्थियों को बहाली में प्राथमिकता दी जाय.
6. डोमिसाइल नीति लागू हों.
7.अगस्त 2022 तक के रिक्ति को जोड़ा जाय.
8. बहाली में अभ्यर्थियों से 10 चॉइस लेकर समायोजन किया जाय.
9.शिक्षक बहाली प्रक्रिया से पंचायत/नगर जन प्रतिनिधयों से मुक्त किया जाय.
10. पूर्व प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ रंजीत सिंह, आईएएस को पुनः शिक्षा विभाग में लाया जाय.
वहीं मौके पर ब्रजेश राजधान, आनन्द कुमार भूषण, सारंग तनय, कुणाल, रणधीर, रामभजन, सुमन आलोक, सुनील, रूपेश, दिलीप, अजय, लेनिन सहित सैकड़ों अभ्यर्थी उपस्थित थे.
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