डीएसपी मुख्यालय पर लगाए आरोप निराधार, महिला पेशेवर मोबाइल चोर': जांच कमिटी की रिपोर्ट के साथ DIG शिवदीप लांडे हुए मुखातिब
इस मामले में डीआईजी शिवदीप लांडे ने सदर थाना के एक PSI और महिला सिपाही सहित पांच पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है जबकि वीडियो लीक होने के मामले में मधेपुरा सदर एसडीपीओ अजय नारायण यादव को निलंबित करने और विभागीय कारवाई करने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया है. वहीं मधेपुरा मुख्यालय डीएसपी अमरकांत चौबे पर लापरवाही बरतने पर पद से हटाने और विभागीय कार्रवाई करने हेतु डीआईजी ने मुख्यालय को पत्र लिखा है. बता दें कि इन वायरल वीडियो मामले को लेकर जो सोशल मीडिया और अन्य मीडिया हाउस में बिना आधिकारिक पुष्टि के बेवजह मुख्यालय डीएसपी अमरकांत चौबे के आवास पर कॉल गर्ल्स सप्लाई की खबर प्रकाशित किये हैं. ऐसे मीडिया कर्मियों पर डीआईजी शिवडीप लांडे ने कार्रवाई हेतु सम्बंधित एसपी को पत्र भेजा है.
वहीं डीआईजी श्री लांडे के मुताबिक कॉल गर्ल्स सप्लाई मामला तथ्यहीन व निराधार निकला, सिर्फ मुख्यालय डीएसपी को लापरवाही के आरोप में पद से हटाते हुए विभागीय कार्रवाई का आदेश निर्गत हुआ है वहीं सदर एसडीपीओ अजय नारायण यादव को कॉल गर्ल्स की सप्लाई मामले के वीडियो वायरल करने के आरोप में निलंबित कर मुख्यालय को आवश्यक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है. बताया जा रहा है कि इस मामले में एक महिला सिपाही और आईटी सेल के अमर कुमार तथा सहरसा सदर थाना के थानाध्यक्ष समेत सिपाही धीरेंद्र कुमार समेत 9 लोगों पर कार्रवाई की गई है।
इस सम्बन्ध में विस्तार से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिनांक 04.09.2022 को कई सोशल मिडीया साईट एवं सामाचार पत्रों में श्री अमरकांत चौबे पुलिस उपाधीक्षक (मु०) मधेपुरा के संबंध में कॉलगर्ल संबंधी सामाचार का प्रसारित / प्रकाशित हुआ। आरोप की गंभीरता को देखते हुये अधो० द्वारा पुलिस अधीक्षक, सुपौल के नेतृत्व में श्री एजाज हाफीज मणी, पुलिस उपाधीक्षक मु0-2. सहरसा. पु०नि० प्रशांत कुमार, अचल पुलिस निरीक्षक, मधेपुरा सदर, पु०अ०नि० प्रेमलता भूपाश्री, थानाध्यक्ष महिला थाना को भाामिल करते हुये चार सदस्यीय टीम गठित कर उक्त खबर की जाँच करायी गयी। जाँच के कम में टीम के द्वारा वायरल वीडियो में बयान देने वाली महिला रीना देवी का बयान लिया गया। महिला ने अपनी बयान में बतायी कि ये रेखा कुमारी (काल्पनिक नाम) नाम की महिला को 4-5 बार ऑटो में लेकर मधेपुरा गयी है।
जाँच टीम के सदस्यों द्वारा कथित रेखा कुमारी (काल्पनिक नाम) से पूछताछ किया गया तो पाया गया कि रेखा कुमारी के घर से करीब तीन-चार माह पहले रीना देवी द्वारा मोबाईल चोरी कर ली गयी थी। कथित रेखा द्वारा उक्त रीना देवी को पकड़कर स्थानीय सदर थाना, सहरसा को सुपुर्द भी किया गया तथा रीना के पास से 03-04 मोबाईल भी बरामद हुआ था, परन्तु रेखा का मोबाईल बरामद नही हुआ था। इस घटना को लेकर रीना देवी रेखा के प्रति काफी क्षुब्ध रहती थी।
पुनश्च जाँच टीम के द्वारा रीना के द्वारा बताये गये ऑटो चालक कमश: मो० राजू पिता मो० जसीम एवं मो० मिराज पिता मो0 मोहिउद्दीन दोनों सा०-नवहटा थाना-नवहटा, जिला सहरसा से पूछताछ किया गया। पूछताछ में उक्त दोनों ऑटो चालक ने बताया कि वे कभी भी नवहटा से बाहर ऑटो रिक्शा लेकर नही आये हैं और ये महिला से उनका कोई संबंध नही रहा है। वायरल वीडिया में बयान देने वाली महिला रीना के सामने दोनों ऑटो चालक को प्रस्तुत करने पर उक्त महिला ने पहचानने से इन्कार कर दिये ।
चोरी की मोबाईल एक महिला के घर से बरामद हुयी थी। टीम के सदस्यों द्वारा महिला से पूछताछ करने पर बतायी कि रीना देवी करीब साल भर पहले किराया पर मेरे मकान में रहती थी तथा अपने आप को सदर अस्पताल मधेपुरा का नर्स बताती थी। ये बताती थी इनकी ड्यूटी रात्रि में ही रहता है। परन्तु किराया नहीं देने के कारण इनको मकान से निकाल दिया गया। पैसा की माँग करने पर ये दिनांक-23.08.2022 को एक मोबाईल लाकर दिये। भारती बतायी कि ये मूलतः मोबाईल चोरी का कार्य करती हैं रीना के द्वारा भारती को फँसाने के लिए यह कार्य किया गया । जांच के क्रम में टीम द्वारा पाया गया कि रीना देवी चोरी का कार्य ही करती है। मधेपुरा शहर में इनके द्वारा तीन दिन पहले मोबाईल चोरी की गयी जिसका वीडियो फुटेज भी है। इस संदर्भ में मधेपुरा सदर थाना में कांड भी दर्ज किया गया है।
जांच टीम द्वारा रीना देवी के मोबाईल नं0 का CDR प्राप्त कर विश्लेषण किया गया तो पाया गया कि ये माह जुलाई में 03 बार एवं अगस्त में तीन बार मधेपुरा गयी थी. ये महिला सदर अस्पताल मधेपुरा में जाया करती थी तथा वहाँ कार्यरत निजी सुरक्षा गार्ड से साठगांठ रखने की बात प्रकाश में आयी है।
जॉच टीम द्वारा पुलिस उपाधीक्षक मु०, मधेपुरा का तीनों मोबाईल नं०, अंगरक्षक, चालक, आदेशपाल आदि का मोबाईल न० का CDR प्राप्त कर विशलेशण किया गया तो पाया गया कि इस महिला से कभी भी इनकी एवं इनके कर्मी की कोई बात नही हुई है।
जांच टीम द्वारा तीन अन्य व्यक्तियों के साथ पुलिस उपाधीक्षक (मु०). मधेपुरा की तस्वीर को एक साथ दिखाकर उक्त महिला से पुलिस उपाधीक्षक मु०-मधेपुरा की पहचान करने को कहा गया तो उक्त महिला रीना द्वारा पहचान नहीं किया गया। रीना द्वारा बताया गया कि उस दिन रात को ये पैसेन्जर ट्रेन से मधेपुरा गयी थी तथा सदर अस्पताल, मधेपुरा में किसी सुरक्षा कर्मी अजय (कल्पनिक नाम) के इशारे पर पुलिस उपाधीक्षक मु० के आवास जिसका मुख्य दरवाजा जो रस्सी से बंधा हुआ रहता था, को खोलकर उनके आवास में घुस गई तथा मोबाईल चोरी की घटना कारित की। टीम के द्वारा अजय की पहचान हेतु DySP के कुक को दो अन्य कर्मियों के साथ रीना से करायी गई तो रीना ने कुक को ही अजय बताया तथा बताया कि ये सदर अस्पताल मधेपुरा में रहते है. आर्मी की वर्दी पहनते है तथा गार्ड का काम करते हैं। इनका आवास सदर अस्पताल स्थित गार्ड रूम में है। जबकि ये पुलिस उपाधीक्षक (मु०) के कुक का काम करते हैं। इस प्रकार रीना देवी द्वारा कुक की गलत पहचान की गई।
उपरोक्त समग्र तथ्यों के विश्लेशण एवं जांच टीम के जॉच रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया कि उक्त महिला मूलतः चोरी की कार्य करती है। मोबाईल चोरी करने के बाद ये अपने बचने के लिए बेबुनियाद एवं मनगढंत आरोप लगा रही है। मोबाईल बरामदगी पश्चात, टेकनिकल टीम मधेपुरा एवं सहरसा तथा सदर थाना सहरसा के कर्मी/ पदा० के द्वारा बिना सत्यापन, वरीय पदाधिकारी के अनुमति के DySP (HQ) Madhepura को बदनाम करने के लिए उक्त महिला का बयान लेकर मीडिया को लीक कर वायरल कर दिया गया है।
इस पूरे मामले में कोसी प्रक्षेत्र के डीआईजी शिवदीप लांडे ने प्रेस के समक्ष विस्तार से जानकारी दी.
(1)...पहली बात मोबाइल चोरी की सनहा 878 नंबर मधेपुरा के सदर थाना में डीएसपी हेडक्वॉर्टर अमरकांत चौबे ने साढ़े सात बजे ही दर्ज करवाया है कि उनके दो मोबाइल चोरी हुए हैं. हालांकि सनहा करके कोई भी तुरंत जाँच नही कर सकता है. इसमें तुरंत एफआईआर दर्ज करने चाहिए थे,और सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करनी चाहिए थी. मधेपुरा के डीएसपी हेड क्वार्टर अमरकांत चौबे के खिलाफ जो आरोप थे कि वो लड़कियों को बुलाते है वो निराधार और तथ्यहीन है । लेकिन हाँ, जब एसपी का मोबाइल चोरी हो जाना और सिर्फ सनहा दर्ज कर पैचअप करने की कोशिश हुई है. इस संबंध में हमने मुख्यालय को लिखा है कि मधेपुरा डीएसपी हेड क्वार्टर अमरकांत चौबे को उस पद से हटाया जाए और उनपर विभागीय करवाई शुरू की जाएं।
जहां तक वीडियो लीक हुआ है उसको लेकर हम ज्यादा संवेदनशील थे, ये पुलिस की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है, जबकि ये मामला नहीं था जितना तूल दिया गया. ये डिपार्टमेंट के अंदर का आदमी था जिसे चिन्हित करना जरूरी था. क्योकि बिहार पुलिस के इमेज पर अगर जरा सी भी कोई छीटें उछालने की कोशिश करता है तो हम कोसी के डीआईजी शिवदीप लांडे इसको बर्दास्त नही कर सकते. हमारे लिए हमारी ईमानदारी ही सबसे बड़ी चीज है जिसके लिए हम जाने जाते है। जहां तक वीडियो लीक की बात है जो सहरसा के सदर थाने के सिरिस्ता में जो महिला से जो बातें रिकॉर्ड किया है सिपाही प्रभात, धीरेंद्र, अमरेंद्र,अमर और दो महिला सिपाही, इन सभी को निलंबित कर दिया गया है। जहां तक वीडियो लीक की बात है वो मधेपुरा के सदर डीएसपी अजय नारायण यादव के मोबाइल के द्वारा किया गया है क्योंकि उसने सिपाही से ये वीडियो लिया जैसा कि जांच में आया है और इसमें हमें डीएसपी अजय नारायण यादव की भूमिका दिख रही है. मुख्यालय को हमने इन्हें हटाने, निलंबित करने और इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के लिए लिखा है।
उसके साथ साथ ये नवंबर 2021 के समय रेखा देवी नाम की महिला के पास भी चार पांच चोरी की मोबाइल की बात आ रही है अगर उस वक़्त उस महिला पर एफआईआर हो जाता तो शायद घटना आज नही होती। इसलिए हमने एसपी सहरसा को इस बारे में लिखा है कि नवंबर 2021 में जाँच करें, वहाँ एफआईआर दर्ज करें और जो पदाधिकारी इसमें अपने ड्यूटी में कमी की है उसके खिलाफ सख्त से सख्त करवाई करें। उसके साथ साथ मधेपुरा सदर थाना में जो सनहा दर्ज हुआ है मोबाइल गुम होने की और सहरसा के सदर थाना के सिरिस्ता में इस तरह की रिकॉर्डिंग हुई है, इसलिए दोनों थानेदारों की जिम्मेवारी बनती है. दोनो थानेदारों की जिम्मेवारी फिक्स करते हुए हमने एसपी मधेपुरा और एसपी सहरसा को दोनों थानेदारों के खिलाफ जाँच के आदेश दिए हैं कि इनके खिलाफ जांच की जाएं और जांच कर विधि सम्मत कारवाई की जाएं।
महिला ने बताया कि हम चोरी करने गए थे. सुपौल के एसपी अमरकेश के नेतृत्व में टीम ने इस संबंध में जिस जिस पुलिसवालों का नाम आया उनके छह छह महीने का सीडीआर जांचा गया. रीना देवी के दो दो मोबाइल के भी छह-छह महीने का सीडीआर निकाला गया, ताकि ये जो बोल रही है वो सही है कि नहीं। हमारी जाँच टीम ने अमरकांत चौबे की भी तश्वीर दिखाई लेकिन वो नही पहचान पाई। उनके तमाम गार्ड को सामने रखा गया, वो जांच में किसी को भी नहीं पहचान पाई।
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