मधेपुरा से सिंहेश्वर तक एक समान था श्रृद्धालुओं का आगमन
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(सभी फोटो/ वीडियो: विकास समीर) |
भीड़ का आलम यह था कि शाम 6 बजे ही मंदिर कैम्पस भरने लगा था. जो 10 बजते-बजते पूरा मंदिर परिसर खचाखच भर गया और बाबा सिंहेश्वर नाथ के जलाभिषेक के लिए रात्री 10 बजे से ही श्रृद्धालु कतार बद्ध होने लगे. 12 बजे तक कतार में रह रह कर आ रहे श्रृद्धालुओं के उफान को देखते हुए ड्यूटी पर तैनात जवानों के हाथ पांव फूलने लगे. रह-रह कर भीड़ में बाबा के जयकारे के साथ जो उफान आता था, ऐसा लगता था कि बैरिकेटिंग टूट जायेगा तो क्या होगा. पुलिसकर्मी और स्थानीय कार्यकर्ताओं ने रह-रह कर बेरिकेटिंग बचाने का प्रयास करते रहे लेकिन श्रद्धालुओं ने बेरिकेटिंग को जड़ से हिला दिया. श्रृद्धालुओं के आने का सिलसिला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था. सिंहेश्वर से मधेपुरा तक लगभग 6 किलोमीटर तक एक समान भीड़ के साथ श्रद्धालुगण बाबा सिंहेश्वर नाथ मंदिर आ रहे थे. कुछ चौकीदार और स्थानीय लोगों के साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा की पूरी व्यवस्था बाबा सिंहेश्वर के हवाले कर दिया गया.
8 बजे के करीब बेरिकेटिंग भी टूट गया
बाबा मंदिर में कतार बद्ध प्रवेश के लिए लोहे के पाइप का बेरिकेटिंग लगाया गया था लेकिन आज की उफनती भीड़ ने उस बेरिकेटिंग को धराशाई कर दिया. इस दौरान महिला और पुरुष दोनों बेरिकेटिंग टूट जाने के कारण भीड़ को डायरेक्ट कर स्थिति को संभाला गया.

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