क्या था मामला-
मामले में मधेपुरा प्रखंड के सूचक के अनुसार दिनांक- 26.11.2020 की रात्रि में उसकी 15 वर्षीया पुत्री घर में सोई हुई थी. करीब तीन बजे कुत्ता के भौंकने पर जब उसकी नींद खुली तो देखा कि जिस घर में उसकी बेटी सोई हुई थी, उसका दरवाजा खुला हुआ था और उसकी बेटी घर में नहीं थी. सगे सम्बन्धियों के यहाँ खोजने पर भी बेटी का पता नहीं चला. खोजबीन करने पर पता चला कि सूचक के ही गाँव के (1) मुकेश कुमार (2) गुड़िया देवी (3) सत्यनारायण मुखिया (4) पूजा देवी (5) अशोक मुखिया (6) उषा कुमारी ने योजनाबद्ध तरीके से मिलकर मेरी बेटी को नन्द लाल सहनी सा0+थाना- किशुनगंज के साथ भगा दिया है. लड्डू सहनी शादी-शुदा व्यक्ति है. जानकारी मिलने पर जब सूचक लड्डू सहनी के घर गया तो उसे मारपीट कर भगा दिया.
इस सम्बन्ध में सूचक ने मधेपुरा (भर्राही) थाना कांड अन्दर धारा- 341, 323, 363 A, 506, 366 A, 34 भा.द.वि. एवं पोक्सो एक्ट की धारा- 4 के अंतर्गत दर्ज कराया. बाद में इस अभियुक्त को भा.द.वि. की धारा- 376 (3) के साथ भी आरोपित किया गया. लड्डू सहनी को छोड़ कर बांकी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. लड्डू सहनी को न्यायालय ने भा.द.वि. की धारा 363 (A) में 7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा एवं 10,000/ रूपये तथा धारा- 366 (A) में 10 वर्ष सश्रम कारावास तथा 10,000/ रूपये जुर्माने की सजा तथा पोक्सो एक्ट की धारा- 4 में 20 वर्ष की सजा तथा 25,000/ रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई.
न्यायालय ने पीड़िता को जिला विधिक सेवा से 3,00,000/ रूपये राहत कोष से देने का आदेश दिया है. मामले में राज्य की पैरवी विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार मेहता एवं बचाव पक्ष से बहस अधिवक्ता दीनबंधु यादव कर रहे थे.
(वि. सं.)

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