इसमें स्तनपान की आवश्यकता और महत्ता के बारे में महिलाओं को जागरूक किया गया. इस दौरान बताया गया कि मां का दूध बच्चों के लिए अमृत समान है. शिशु के लिए स्तनपान मौलिक अधिकार तथा सर्वोत्तम आहार है. मां का दूध शिशु के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है. शिशु को डायरिया, निमोनिया एवं कुपोषण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. शिशु एवं बाल मृत्यु दर में कमी के लिए इसके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आवश्यक है कि नवजात को जन्म के 1 घंटे के भीतर नवजात को स्तनपान शुरू किया जाए. स्तनपान करने वाले बच्चे रोग निरोग रहते हैं. माताओं के दूध में सारी पौष्टिकता मौजूद रहती हैं. छह महीने तक के बच्चों को बाहरी आहार और पानी की जरूरत नहीं होती है. मां के दूध में सारे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, इसलिए बच्चों को 6 माह तक सिर्फ स्तनपान कराना आवश्यक हैं.
इस मौके पर प्रखंड समन्वयक शमशेर आलम, प्रखंड सहायक आरती कुमारी, महिला पर्यवेक्षिका अहिल्या कुमारी, कुमारी निभा, भारती डाटा ऑपरेटर रोहित कुमार सहित दर्जनों सेविकाएं मौजूद थी.
![स्तनपान सप्ताह के तहत निकाली जागरूकता रैली](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhCpIdQjCmQJ6ypITnrbObf7sxF7ysZ3jh9aWyF62AcAUhRFouxdGOoFWsyC3RyrjVUvE9KnuwUw21DFGg11qwoL-ZIeeCAhhJgHuK9iSkpt4BxbkECvMK6_0xaTRY8zNYmvq9hoAUZCpvRr6oPHRowLq_oAIgM8iIAb7uHYoUrQCmQp9wdpUu9IX4p/s72-c/WhatsApp%20Image%202022-08-06%20at%208.55.01%20PM.jpeg)
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