वार्ड नंबर 2 मुरलीगंज नगर पंचायत निवासी विपिन कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण की जो दर तय की गई है उसमें बहुत बड़ा झोल है, क्योंकि मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के जमीन को उन्होंने नगर पंचायत क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र के के दर भूमि अधिग्रहण की दर तय की गई है, जो बिल्कुल गलत है. क्योंकि हम सभी की जमीन जो एनएच निर्माण के बायपास में ली गई है वह शहरी क्षेत्र की जमीन है और हम लोगों को मुआवजा शहरी क्षेत्र का मिलना चाहिए. वहीं उन्होंने बताया कि इस मामले को हम लोग न्यायालय के अंदर भी ले गए हैं और जब तक हम लोगों को भूमि अधिग्रहण शहरी क्षेत्र के दर से मुआवजा नहीं दिए जाते हैं तब तक हम लोग अपनी जमीन पर एनएच निर्माण नहीं होने देंगे.
वहीं मामले में भूस्वामी मो. तैय्यब ने जानकारी देते हुए बताया कि पदाधिकारी तो आए हैं और पदाधिकारी से हम लोग यही गुहार लगाए हैं कि डेढ़ लाख रुपये के दर से सरकारी दर तय कर हम लोगों को मुआवजा दिया जा रहा है जो हम लोग लेने के लिए तैयार नहीं हैं. हम लोग ₹4 लाख की दर से जमीन खरीदे ही हैं और 2 लाख 70 हजार के दर से रजिस्ट्री खर्च हो गया है. ब्याज के पैसे से हमने यह जमीन खरीदी थी, आज तक उसका ब्याज नहीं चुकता कर पाए हैं और डेढ़ लाख रुपए की दर से हम कैसे अपनी जमीन दे दें यह संभव नहीं है.
वहीं भूस्वामी सुलेखा खातून ने जानकारी देते हुए बताया कि डेढ़ लाख के दर से आजकल जमीन कहां मिलेगा. शहरी क्षेत्र में हम लोगों ने पेट काटकर जमीन खरीदा है. हमें जमीन के बदले जमीन ही दे दे. हम पैसे लेकर के क्या करेंगे और कोर्ट में भी हमने जज के सामने यही बात रखी थी कि मेरी जितनी जमीन अधिग्रहण की जा रही है उतनी ही जमीन मुझे शहरी क्षेत्र में रहने के लिए आवंटित की जाए. इतने पैसे में कहीं जमीन नहीं मिलेगा. इसलिए हम लोग जब तक उचित दर से मुआवजा नहीं मिलेगा जमीन नहीं देंगे.
इधर मामले में अपर समाहर्ता अभिराम त्रिवेदी ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि भू अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. वहीं एनएच 107 के बाईपास निर्माण में बाधा उत्पन्न हो रही है. कुछ लोगों का विरोध है कि हम लोग कोर्ट के ऑर्डर के बाद ही पैसा लेंगे. जिसमें हम लोगों का कहना है कि सरकार जो उचित दर तय की है वह पैसा ले लिया जाए और एनएच 107 के बाईपास का निर्माण होने दिया जाए. न्यायालय के विशेष दिशा-निर्देश आते हैं किस दर से भूमि अधिग्रहण दर तय करेगी उस दर से बकाया राशि की भुगतान कर दी जाएगी.
वहीं उन्होंने कहा कि अधिकांश लोगों ने पैसे ले लिए हैं. सिर्फ 45 परिवार बचे हुए हैं जो अभी तक भू अधिग्रहण की राशि नहीं लिए हैं. हम लोगों का प्रयास है कि वे लोग भी अधिग्रहण की राशि ले लें. अगर उन लोगों के लिए कोर्ट विशेषकर तय करती है तो उस राशि का भुगतान भी कर दिया जाएगा.
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