जीनियस टीचिंग पॉइंट में मनाई गई बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती

आज स्थानीय जयपालपट्टी चौक स्थित जीनियस टीचिंग पॉइंट में शिक्षक और छात्रों ने धूमधाम से बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जीनियस टीचिंग पॉइन्ट कोचिंग के संचालक नवीन कुमार ने कहा कि भारतीय समाज में छुआछूत जैसी कुप्रथा को खत्म करने के बाबा साहब की बड़ी भूमिका थी.

इस अवसर पर पूर्व में ली गयी परीक्षा में सभी क्लास के प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को कॉपी-कलम देकर सम्मानित भी किया गया. कोचिंग के सह-संचालक ब्रजेश राजधान ने अंबेडकर के जीवनी पर विस्तार से बच्चों को जानकारी देते हुए कहा कि अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 ई. मऊ, मध्य प्रदेश में महार जाति में हुआ था. वहाँ जाति को उस समय अछूत माना जाता था. उनके पिता का नाम रामजी सकपाल था और माता का नाम रमाबाई. अंबेडकर का जीवन कठिनाइयों से गुजरा. उन्होंने शिक्षा को अपना हथियार बनाकर जीवन में आगे बढ़े, जिसमें बड़ौदा के नरेश सयाजी गायकवाड ने मदद किया. अंबेडकर ने 1916 में अमेरिका के कोलंबिया विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि धारण किया. दलितों के लिए अलग निर्वाचक के मुद्दे पर गांधी एवं अंबेडकर के बीच 26 सितंबर 1932 को पूना पैक्ट हुआ. अंबेडकर भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष व भारत के पहले कानून मंत्री थे. वे शिक्षा के महत्व को प्रकट करते हुए अक्सर कहा करते थे कि शिक्षा उस शेरनी का दूध है जो जितना पीएगा वह उतना दहाड़ेगा. इसके अलावे वे शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कहते थे "बच्चे के पैर में जूते हो या ना हो हाथ में कलम और कॉपी अवश्य होनी चाहिए"

 इस अवसर पर शिक्षक रतन कुमार, डेविश राज, विकास शर्मा, चन्द्रहास कुमार आदि उपस्थित थे.

जीनियस टीचिंग पॉइंट में मनाई गई बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती जीनियस टीचिंग पॉइंट में मनाई गई बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 14, 2022 Rating: 5

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