बीएनएमयू का 22वां वार्षिक अधिवेशन शनिवार को कुलपति डॉ. आर.के.पी. रमण की अध्यक्षता में हुई. बैठक में कुलपति के अध्यक्षीय भाषण के बाद सदस्यों ने विश्वविद्यालय की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए. सीनेट की बैठक में लगभग 8 अरब 53 करोड़ का संशोधित वार्षिक बजट सर्वसम्मति से पास किया गया. इसमें आंतरिक स्रोत से एक अरब 57 करोड़ आय दिखाया गया है, जबकि सरकार से 6 अरब 96 करोड़ रुपए की मांग की गई है.
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय हमारे पुरखों की एक साझी धरोहर है. इस धरोहर के संरक्षण एवं संवर्धन की जिम्मेदारी हम सबों की है. हम सभी विश्वविद्यालय के समग्र शैक्षणिक उन्नयन में सकारात्मक सहयोग दें और अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाएं. हम सबसे साथ एवं सबके प्रयास से ही विश्वविद्यालय आगे बढ़ेगा और विकास की गति तेज होगी. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय नियम-परिनियम के अनुरूप कार्य करने हेतु प्रतिबद्ध हैं. कोरोनाकाल में विभिन्न समितियों, निकायों की बैठकें आयोजित करने में काफी कठिनाइयां हुईं लेकिन विपरित परिस्थितियों के बावजूद हमने सफलतापूर्वक सभी बैठकों का आयोजन किया और आज हम अधिषद् की बैठक में उपस्थित हैं. विश्वविद्यालय अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप सामान्य स्थिति में सिंडिकेट की बैठक प्रत्येक माह आयोजित होंगी और प्रत्येक वर्ष सीनेट के दो अधिवेशन होंगे. एक बजट अधिवेशन और दूसरा एकेडमिक अधिवेशन.
कुलपति ने कहा कि नैक मूल्यांकन विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है. सभी कार्य इसी को ध्यान में रखकर किए जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण एवं अन्य विविध कारणों से इस दिशा में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है लेकिन मुझे विश्वास है कि आप सबों के समवेत प्रयास से 2022-23 में नैक मूल्यांकन का लक्ष्य पूरा होगा. इसके लिए आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) को जल्द ही पुनर्गठित किया जाएगा. कुलपति ने बताया कि राजभवन सचिवालय, पटना से निदेश प्राप्त कर वर्ष 2022 में चौथा दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा. अधिषद् की बैठक के बाद हम दीक्षांत समारोह की तैयारियों में लगेंगे, जिसमें हमें आप सभी माननीय सदस्यों के विशेष सहयोग की अपेक्षा है.
जारी होगी मौलिक नियुक्ति की तिथि:
सीनेट की बैठक में कुलपति डॉ. आरकेपी रमण ने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग, पटना की अनुशंसा में वर्ष 2016- 2020 तक नियुक्त शिक्षकों की सेवासंपुष्टि हो गई है. शीघ्र ही वर्ष 2003 एवं 2016- 2020 तक नियुक्त शिक्षकों की मौलिक नियुक्ति की तिथि जारी की जाएगी. इस कार्य के त्वरित निष्पादन हेतु उप कुलसचिव (अकादमिक) को जिम्मेदारी दी गई. बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना एवं विकास में अहम योगदान देने वाले संस्थापक कुलपति सह पूर्व सांसद डॉ. रमेंद्र कुमार यादव रवि की आदम कद प्रतिमा लगाने हेतु भूखंड चिह्नित करने का निर्णय लिया गया है.
सीट वृद्धि हेतु प्रयास रहा सफल:
स्नातकोत्तर स्तर पर विभिन्न विषयों में लगभग 614 सीटों की वृद्धि विश्वविद्यालय की एक बड़ी उपलब्धि है. स्नातक स्तर पर भी सीट वृद्धि हेतु बिहार सरकार को प्रस्ताव प्रेषित है और इसके लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. 17 संबद्ध महाविद्यालयों को संबंध धन दिया गया है. इससे भी हमारे हजारों विद्यार्थियों का नामांकन हो सकेगा. उन्होंने कहा कि अभी विश्वविद्यालय के सिर्फ 9 विषयों यथा- भौतिकी, रसायनशास्त्र, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, गृह विज्ञान, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, भूगोल एवं वाणिज्य के स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के पद सृजित हैं. हम शेष विषयों यथा- इतिहास, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, हिंदी एवं अंग्रेजी आदि के स्नातकोत्तर विभागों में भी शिक्षकों एवं कर्मचारियों के पद-सृजन हेतु प्रयासरत हैं. इसके लिए बिहार सरकार को प्रस्ताव भी प्रेषित है और आशा है कि वहां से शीघ्र ही सकारात्मक उत्तर मिलेगा. बीएसएस कॉलेज, सुपौल में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू होना हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है. इससे विद्यार्थियों को काफी सुविधा होगी. विश्वविद्यालय मुख्यालय एवं स्नातकोत्तर पश्चिमी परिसर, सहरसा में शेष कुछ विषयों तथा जिला मुख्यालयों अवस्थित अंगीभूत महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की कार्रवाई की जा रही हैं. अन्य महाविद्यालयों में भी विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने का प्रयास जारी है.
व्यावसायिक एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का होगा संचालन:
बीएनएमयू में सीनेट की बैठक में कुलपति ने कहा कि व्यावसायिक एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के संचालन की दिशा में प्रभावी कदम उठाया जा रहा है. रामचंद्र विद्यापीठ, सहरसा में फिजियोथेरेपी, एक्यूपेशनल थेरेपी, रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी एवं मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी कोर्स की शुरूआत की गई है. विश्वविद्यालय मुख्यालय में एमबीए एवं एमसीए और पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन हेतु शीघ्र प्रस्ताव भेजा जाएगा. पी.जी. डिप्लोमा इन स्ट्रेस मैनेजमेंट का पाठ्यक्रम एवं परीक्षा विनियम तैयार हो गया है और पी.जी. डिप्लोमा इन योग पाठ्यक्रम के लिए समिति का गठन हो चुका है. कुलपति ने कहा कि शोध की गुणवत्ता को बरकरार रखने हेतु प्लेगरिजम डिक्टेशन सेंटर की स्थापना की गई है और प्लेगरिजम संबंधी प्रावधान पीएटी-2019 से लागू किया गया है.
छात्र-शिक्षक एवं अभिभावक-शिक्षक होगा संवाद:
कुलपति ने कहा कि कक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए समय-समय पर छात्र-शिक्षक संवाद एवं अभिभावक-शिक्षक संवाद का आयोजन किया जाएगा.
सदस्यों ने उठाया प्रस्ताव
अध्यक्षीय अभिभाषण पर कई सदस्यों ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और अपनी-अपनी बात रखी. इनमें विधान पार्षद् डॉ. संजीव कुमार सिंह, विधायक त्रय अनिरुद्ध प्रसाद यादव, गूंजेश्वर साह एवं प्रो. चंद्रशेखर, पूर्व विधायक लखन ठाकुर, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. शैलेश्वर प्रसाद यादव, दिनेश यादव, डॉ. ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी, बुलबुल सिंह, अरुण यादव, डॉ. अमरदीप, बुलबुल सिंह, डॉ. नरेश कुमार, मनीषा रंजन, डॉ. प्रमोद कुमार चंद्रवंशी, रंजन कुमार, भवेश कुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए.
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