उक्त बातें पूर्व कांग्रेस सांसद नेत्री रंजीत रंजन ने मधेपुरा के सिंहेश्वर में क्षेत्र भ्रमण के दौरान पंसस सह जाप नेता मुकेश यादव के आवास पर कही. उन्होंने शराबबंदी को लेकर नितिश सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुआ कहा कि जहाँ एक तरह सरकार तपती धूप में सरकारी चाबुक के सहारे शराबबंदी की सफलता के नाम पर सरकारी कर्मियों, शिक्षक और छोटे-छोटे बच्चों को मानव श्रृंखला बना कर पीठ थपथपाने का काम कर रही है. जबकि सरकार के पास शराबबंदी को लेकर कोई आइडियोलाजी नहीं है.
नितिश कुमार कहते हैं कि गड़बड़ चीज पिजियेगा तो गड़बड़ ही होगा. सवालिया निशान में पूछा क्या मुख्यमंत्री को मालूम नहीं कि बिहार में होम डिलीवरी हो रही है. चुनाव में बड़े पैमाने पर शराब के नाम पर गटर का गंदा पानी परोसा जा रहा है. उन्होंने सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि क्या हम लोग समझ लें कि शराबबंदी के नाम पर एक मोटी रकम सीधा मुख्यमंत्री आवास में पहुँच रहा है. शराबबंदी नहीं थी तो राजस्व में साढ़े 4 हजार करोड़ कोष में जमा होता था. वहीं उसके बाद उससे तीन गुनी रकम सरकारी हाकिमों के जेब में जाता है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनी तो सर्वे कर लोगों की सहमति से सरकारी स्तर पर प्रखंड में शराब की दुकान खोली जा सकती है और 200 की शराब की कीमत 1 हजार में बेचने की सहमति बनाया जाय और सिगरेट पर छोटे अक्षर की जगह बड़े-बड़े अक्षरों में चेतावनी लिखा जाय ताकि कम से कम लोग शराब पी सके.
उन्होंने किसानों की समस्या को लेकर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि बेमौसम बरसात ने किसानों के हर तरह के फसल को भारी क्षति पहुंचाई है लेकिन सरकार क्षतिपूर्ति के नाम पर सर्वे करने की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि बिहार में मजबूत विपक्ष के नाम पर सिर्फ कांग्रेस ही ईमानदार भुमिका निभा रही है. सहयोगियों पर प्रहार करते हुए कहा कि विपक्ष के नाम पर विरोध भी करेंगे और अंदर-अंदर गोटी भी बिठायेंगे. ये दोनों चीज एक साथ नहीं हो सकती.
मौके पर प्रिंस गौतम, कुमार अनिल अनल, रमेश यादव, मोहन मंडल, शमीम आलम, नुतन सिंह, कला कुमारी, देवाशिष पासवान, शैलेन्द्र कुमार, राजीव कुमार बबलू, राम कुमार यादव, गौरी यादव, बबलू यादव, अर्जुन मंडल, अशोक भगत, ओंकार मोदी, रंजन यादव, विनय चंद्रवंशी, मनोज घोष, राजु चटर्जी, आशिष यदुवंशी, मुकेश कुमार आदि मौजूद थे.
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