उक्त बातें क्षेत्रीय निदेशक (बिहार एवं झारखंड) पीयूष परांजपे ने कही. वे शनिवार को मधेपुरा के ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रथम इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर का उद्घाटन कर रहे थे. उन्होंने कहा कि एनएसएस का सूत्र वाक्य "मैं" नहीं, "आप" है. हम सभी कार्यक्रम पदाधिकारी एवं स्वयंसेवक हमेशा इसी को केंद्र में रखकर कार्य करें. उन्होंने कहा कि एनएसएस युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य करता है. युवाओं के व्यक्तित्व विकास एवं चरित्र-निर्माण में इसकी महती भूमिका है.
एनएसएस हमें अपने अधिकार व कर्तव्यों के प्रति सजग करता है. यह हमें हर समय सीखने का अवसर देता है. हमें प्रकृति से सीखना चाहिए कि एक पत्थर भी हमें यह सीख देता है कि हमें विकट परिस्थितियों में भी डटे रहना है. जो प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपने कर्मपथ पर डटे रहते हैं, उन्हें जीवन में सफलता मिलती है. प्रतिकूल परिस्थितियों में ही हमारे व्यक्तित्व में निखार आता है. संघर्ष से काँटों के बीच ही सृजन के गुलाब खिलते हैं.
उन्होंने कहा कि एनएसएस हमें सामाजिक सरोकारों एवं राष्ट्रीय दायित्वों से जोड़ता है. हमें समाज एवं राष्ट्र से बहुत कुछ मिलता है, हमें समाज एवं राष्ट्र को कुछ वापस भी करना चाहिए.
मुख्य अतिथि बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति के सहायक निदेशक (युवा) आलोक कुमार सिंह ने कहा कि एनएसएस का उद्देश्य युवाओं की उर्जा को सकारात्मक दिशा देना और उसके माध्यम से अधिकाधिक जन भागीदारी सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि युवा समाज एवं राष्ट्र के आधार स्तंभ हैं. युवाओं के ऊपर ही हमारा भविष्य निर्भर है. युवाओं का विकास होगा, तो परिवार, समाज एवं राष्ट्र भी स्वस्थ होगा.
विशिष्ट अतिथि पूर्व समन्वयक डा. अमोल राय ने कहा कि एनएसएस के माध्यम से हम राष्ट्र-निर्माण में अपना योगदान दें. युवाओं की सक्रिय भागीदारी से ही नए भारत का निर्माण होगा. वहीं सिंडिकेट सदस्य डा. जवाहर पासवान ने कहा कि युवाओं को पठन-पाठन के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ना चाहिए.
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ. के.पी. यादव ने किया. अतिथियों का स्वागत एनएसएस समन्वयक डा. अभय कुमार और संचालन कार्यक्रम पदाधिकारी डा. सुधांशु शेखर ने किया. धन्यवाद ज्ञापन एनसीसी ऑफिसर लेफ्टिनेंट गुड्डु कुमार ने किया.
कार्यक्रम के पूर्व एनसीसी कैडेट्स ने अतिथियों की अगुवाई की और दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. अतिथियों का अंगवस्त्रम एवं पाग से सम्मानित किया गया. आरती आनंद और ऋषभ कुमार मिश्र ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. चित्र एवं पुस्तक प्रदर्शनी भी लगाई गई. उद्घाटनकर्ता को महाविद्यालय के संस्थापक कीर्ति नारायण मंडल की जीवनी और गाँधी-विमर्श पुस्तक भेंट की गई.
अंत में सबों ने न्यू इंडिया कैंपेन में भी भागीदारी निभाई और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण का संकल्प लिया. राष्ट्रगान जन-गण-मन के सामूहिक गायन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ.
इस अवसर पर मधेपुरा महाविद्यालय, मधेपुरा के उप प्रधानाचार्य डा. भगवान मिश्र, डा. नारायण, डा. शंकर कुमार मिश्र, डा. संजय कुमार परमार, डा. अमरेंद्र कुमार, सीनेटर रंजन कुमार आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए.
इस अवसर पर डा. मनोज कुमार मिश्र, विवेकानंद कुमार, डा. अशोक कुमार, रत्नाकर भारती, सच्चिदानंद सचिव, किरण कुमारी, प्रवीणा कुमारी, डा. राजकुमार, प्रणव कुमार, बिमल कुमार, सारंग तनय, सौरभ कुमार चौहान, दिलीप कुमार दिल, मो. अब्दुर रहमान, शांतनु यदुवंशी, नीशु कुमारी, सूरज कुमार, हिमांशु कुमार आदि उपस्थित थे.
बताते चलें कि शिविर में पचास चुने हुए स्वयंसेवक- स्वयंसेविकाएँ भाग लेंगी. शिविरार्थियों द्वारा शिविर स्थल वार्ड नंबर 3 में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा और विभिन्न घरों में स्वास्थ्य संबंधी सर्वेक्षण किया जाएगा. इसके अलावे प्रत्येक दिन स्वच्छता, स्वास्थ्य, पर्यावरण, पोषण, आपदा-प्रबंधन आदि विषयों पर ऑफलाइन-ऑनलाइन परिचर्चा होगी.
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