शंकरपुर प्रखंड में प्रतिदिन 1000 से 1100 परिवार को मनरेगा से रोजगार मिल रहा है. यह परिवार पूरे लॉकडाउन में अपने गांव-घर में मजदूरी कर रहे हैं. किसी परिवार से एक सदस्य तो किसी परिवार से दो सदस्य मजदूरी कर रहे हैं. अभी हरेक गांव में मनरेगा से एक-दो योजना संचालित की जा रही है. जिससे लोगों को अच्छी कमाई हो रही है. घर का चूल्हा चौका भी चल रहा है. इधर, गांव-घर के मजदूरों के लिए अच्छी खुशखबरी है. पहले जिस गांव में एक-दो योजना संचालित थी, अब उन गांवों में अधिक से अधिक योजनाओं के संचालन की योजना बनी है, ताकि लोगों को अधिक से अधिक दिनों तक काम मिल सके.
इन योजनाओं में मिल रहा रोजगार :
वर्तमान में संचालित पशु शेड, खेत पोखरी, पोखर, नहर उराही, पीएम आवास योजना समेत कई अन्य योजनाओं में मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है. मजदूरों द्वारा काम मांगें जाने पर तुरंत रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास चल रहा है. कोरोना काल में मनरेगा के तहत योजनाएं संचालित हो रही है. जिसमें मजदूरों को काम करने की छूट दी गई है.
योजनास्थल पर बरती जा रही सावधानियां :
मनरेगा पीओ मनोज कुमार ने बताया कि खास बात यह है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए मनरेगा कार्य स्थल पर विभाग की ओर से काफी सावधानियां भी बरती जा रही हैं. कार्य कर रहे मजदूरों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी भी दी जा रही है. कार्यस्थल पर मनरेगा मजदूरों को शारीरिक दूरी का पालन करने, मास्क लगाकर कार्य करने, स्वच्छता के लिए साबुन से हाथ धोने, छाया की व्यवस्था, पेयजल की व्यवस्था और मेडिकल किट सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है. मजदूर शारीरिक दूरी बना कर कार्य कर रहे हैं. मुंह-नाक को गमछा या मास्क से ढंक रहे हैं. साथ ही सभी कार्यस्थल पर विभाग से संबंधित अधिकारियों के निगरानी में कार्य कराया जा रहा है.

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