मालूम हो कि जिले में जमीन को लेकर अक्सर विवाद और मारपीट आम हो गयी है. जिसके कारण जिले में भारी संख्या में एक दूसरे पर मामला दर्ज हो रहा है जो पुलिस के लिए बड़ी समस्या बनते जा रही है. इसी कारण जमीन विवाद से मुक्त होने की होड़ लगी है. लोग कोर्ट कचहरी से परेशान हैं. पीड़ित सुलहनामा के जरिये मामले के निष्पादन को बेहतर मान रहे हैं.
सरकार ने जमीन विवाद को निपटाने के लिए सूबे में महीने के प्रत्येक शनिवार को थाना क्षेत्र के थाना परिसर में जमीन विवाद को निपटाने के लिए जनता दरबार का आयोजन करने का आदेश दिया है. सरकार के इस आदेश को खासकर आर्थिक रूप से कमजोर लोग इस व्यवस्था को बेहतर मान रहे हैं लेकिन जिस रफ्तार से मामले का निष्पादन हो रहा है उसमें लम्बा समय लगेगा.
सदर अंचल के सीओ योगेन्द्र दास और थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह के संयुक्त रूप से दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोनो पक्ष के आपसी सहमती से ही मामले का निष्पादन करने का आदेश दिया है. इसी कड़ी में शनिवार को सदर थाना परिसर में अंचलधिकारी योगेन्द्र दास ने बताया कि जनता दरबार में गत शनिवार को आये सात मामले का बारी-बारी से अवलोकन के पश्चात दोनों पक्षों के बीच के विवाद को सुनने के बाद दोनों पक्ष द्वारा प्रस्तुत कागजात की जांच कर आपसी सुलह से 5 मामले का निष्पादन किया. उन्होंने बताया कि कुछ मामले अनुमंडल भेजा गया है.
वहीं जनता दरबार में कई लोगों में भारी आक्रोश दिखा. लोगों ने बताया कि कुछ जमीन माफिया और दबंग नकली कागज बनाकर जमीन पर कब्जा करने का काम कर रहे हैं. विरोध करने पर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. इतना ही नहीं रातों रात जमीन पर घर भी बना देते हैं.
सीओ ने बताया कि जमीन विवाद काफी लम्बे समय से चला आ रहा है. कुछ मामला न्यायालय में चलने के कारण निपटारा में दिक्कत हो रही है तो कुछ लोग जान बूझकर विवाद पैदा करते हैं. साथ ही कर्मचारी और अमीन की कमी के कारण मामले का निष्पादन में परेशानी हो रही है. सीओ श्री दास ने बताया कि जनता दरबार में दो दर्जन से अधिक नये मामले आये हैं, जिन्हें अगले जनता दरबार में आने का आदेश दिया.
इस मौके पर सदर थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह, पुलिस पदाधिकारी देवेन्द्र ठाकुर, अंचल कर्मचारी ललन ठाकुर उपस्थित थे.

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