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रमेश कुमार (फ़ाइल फोटो) |
परिजनों के अनुसार वे मधेपुरा स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंधक पद से स्थानांतरित होकर अररिया गए थे। उनका अपने घर से आना जाना लगा ही रहता था। पिछली बार छह दिन पूर्व यहां अपने घर आये तो कोरोना से ग्रसित हो गए थे। स्थानीय स्तर पर इलाज के बाद जब उनकी तबियत में सुधार नहीं हुआ तो बेहतर इलाज के लिए उन्हें पटना भेजा गया था वहाँ इलाज करा रहे थे। लेकिन शुक्रवार को उनकी मृत्यु हो गई।
उनकी मृत्यु के बाद उनका दाह संस्कार पटना में ही कर दिया गया है। सामान्यतया स्वस्थ्य रहने वाले रमेश कुमार की कोरोना की चपेट में आने से हुई मृत्यु के बारे में सुन लोग हतप्रभ और भयाकुल हैं।
जिले में लगातार बढ़ते कोरोना के मामले को लेकर प्रशासन के एहतियात संबंधी कड़े निर्देश और आर्थिक दंड के बावजूद बाजार और ग्रामीण हाटों में भीड़ और बिना मास्क के लोग घूमते रहते हैं। जिले में आज शुक्रवार को सर्वाधिक नब्बे लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं।

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