किसान चौपाल कार्यक्रम मे भड़के किसानों ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी के तबादले की की मांग

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत जोरगामा पंचायत में आज पंचायत सरकार भवन मे आयोजित किया गया. आज के कार्यक्रम का उद्घाटन मुखिया जोरगामा पंचायत एवं पूर्व मुखिया मिथिलेश कुमार आर्य द्वारा किया गया जिसमें किसान के विभिन्न समस्याओं के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई। 

   कृषि विभाग द्वारा संचालित सभी योजना पशुपालन, मत्स्य एवं तकनीकी से संबंधित जानकारी किसानों को दी गई। प्रखण्ड कृषि समन्वयक विकास कुमार ने बताया कि फसल के उन्नत उत्पादन को लेकर किसान चौपाल कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें किसानों को खेती के साथ कृषि आधारित उद्योगों एवं तकनीकी की जानकारी दी जाती है।  

        किसानों को जैविक खाद का प्रयोग खेतों में करने पर बल दिया।  प्रौद्योगिकी तरीके से खेती करने पर कम पूंजी के लागत पर अधिक उपज का फायदा मिलता है। उन्होंने किसानों को श्री विधि एवं जीरो टिलेज से गेहूं बुवाई , पराली नहीं जलाने बुवाई करने की जानकारी दी।

   आज के कार्यक्रम में प्रखंड कृषि पदाधिकारी मुरलीगंज प्रभुनाथ माझी अनुपस्थित थे. कार्यक्रम शुरू होते ही किसानों ने इसका विरोध किया. प्रखंड कृषि समन्वयक जोरगामा विकास कुमार ने बताया के किसान चौपाल की जानकारी उन्हें दी गई दी गई थी । किसानों ने अपनी समस्या को रखते हुए बताया कि अतिवृष्टि के कारण समूचे प्रखंड में धान की खरीफ फसल को काफी नुकसान पहुंचा था और इसकी जानकारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा मुरलीगंज के पत्रांक 172 दिनांक 30 जुलाई 2020 के द्वारा समूचे प्रखंड में अतिवृष्टि के कारण 1588 हेक्टेयर धान के फसल की सभी 17 पंचायतों मैं क्षति की आकलन रिपोर्ट जिला कृषि पदाधिकारी को समर्पित की गई थी. वहीँ दिनांक पत्रांक 174 दिनांक 31 जुलाई 2020 के द्वारा अतिवृष्टि के कारण मुरलीगंज प्रखंड में खरीफ फसल सभी 17 पंचायत एवं एक मुरलीगंज नगर पंचायत हरिपुर कला, दिग्घी, सिगयान, रजनी, गंगापुर ,कोल्हायपट्टी ,डुमरिया ,रामपुर, रघुनाथपुर, पड़ावा नवटोल, जोरगामा ,नाढी, तमोट परसा ,दीनापट्टी  सखुआ, बेलो, भतखोड़ा, जीतापुर पोखराम परमानंदपुर में अतिवृष्टि के कारण फसल क्षति को शून्य करके भेज दिया गया.

मामले में मुरलीगंज प्रखंड के दिग्घी पंचायत के किसान एसपी सिंह जो जो सेवानिवृत्त सैनिक भी हैं, ने जानकारी देते हुए बताया अतिवृष्टि पर समूचे घटनाक्रम की जानकारी हमने निबंधित डाक के द्वारा जिला पदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी को भी सूचित किया है कि हम लोग दर-दर फसल क्षति पूर्ति के लिए भटक रहे हैं और कृषि पदाधिकारी एक तो कार्यालय नहीं आते. जब भी कार्यालय जाते हैं तो वह ऑफिस से नदारद पाए जाते हैं. पूछने पर वहां के कर्मचारियों द्वारा यह कहा जाता है कि वे दस्तखत करके चले गए उनका फोन हमेशा स्विच ऑफ रहता है.

       आज के चौपाल कार्यक्रम में किसान मिथिलेश कुमार आर्य ने बताया कि मुरलीगंज कृषि पदाधिकारी रघुनाथ माझी को कृषि के विषय में एबीसीडी नहीं आती और एक तरफ वे फसल क्षतिपूर्ति का आकलन रिपोर्ट भेजते हैं फिर दूसरे दिन उसे शून्य कर भेज देते हैं। ऐसे कृषि पदाधिकारी जो गलत आकलन कर रिपोर्ट बनाकर घर बैठे भेजते हैं उन्हें विभागीय कार्रवाई के तहत निलंबित करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए, नहीं तो हम किसान आंदोलन करने पर विवश होंगे. इस बार समूचे बिहार में अतिवृष्टि के कारण क्षति हुई है तो मुरलीगंज प्रखंड में अतिवृष्टि नहीं हुई थी?

मामले में जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने बताया कि जिला पदाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में प्रखंड कृषि पदाधिकारी मुरलीगंज से स्पष्टीकरण के लिए 24 घंटे का समय निर्धारित किया गया था पर आज 72 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक उनके द्वारा स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है. अब उन पर वरीय पदाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में विभागीय कार्रवाई की जाएगी. मौके पर अभय कुमार गुड्डू एवं पूर्व मुखिया मिथलेश कुमार आर्य, मनोज मंडल, मुरलीगंज प्रखंड अध्यक्ष भाजपा, बेचन दास, आशु कुमार, आनन्द राज , दिलखुश कुमार, विकास कुमार, नीलेश कुमार ,बिजेंद्र प्रसाद यादव, विद्यानंद यादव,एवम अन्य गण्यमान्य किसान मौजूद रहे ।

किसान चौपाल कार्यक्रम मे भड़के किसानों ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी के तबादले की की मांग किसान चौपाल कार्यक्रम मे भड़के किसानों ने प्रखंड कृषि पदाधिकारी के तबादले की की मांग Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 21, 2020 Rating: 5

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