मधेपुरा में इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने हाथरस पीड़िता को दी श्रद्धांजलि, सरकार के प्रति जताया आक्रोश
छात्रों ने दिनांक 01/10/2020 को अपने महाविद्यालय के मैदान में मनीषा वाल्मीकि की फ़ोटो लगाकर श्रद्धांजलि दी. उसके बाद मोमबत्ती जलाकर 5 मिनट तक मौन व्रत रखा. छात्रों ने कहा कि सरकार के तमाम फर्जी दावों के बावजूद ऐसी घटनाएँ रुकने का नाम नहीं ले रही हैं क्योंकि कहीं न कहीं प्रशासन और सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए गंभीर नहीं हैं."
छात्रों का कहना था कि इस मामले में पीड़िता को गंभीर शारीरिक चोट पहुँची थी. उसे मरा जानकर छोड़ा गया था लेकिन पुलिस ने शुरू में इसे गंभीरता से नहीं लिया. पहली गिरफ़्तारी करने में 10 दिन लगा दिए. मामले को दबाने की कोशिश की, जिससे पता चलता है कि पुलिस ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर नहीं है.
उन्होंने कहा कि एक ओर हम महिलाओं को देवी कहते हैं वहीं दूसरी ओर इस तरह की घटनाएँ होती हैं. हाल के महीनों में यूपी में ऐसी कई गंभीर घटनाएँ हुई हैं. बाराबांकी में 13 साल की दलित लड़की की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. हापुड़ में छह साल की बच्ची की बलात्कार के बाद आंखें फोड़ दी गई थीं. रह-रह कर इस तरह की घटनाएँ हो रही हैं लेकिन पुलिस-प्रशासन कोई गंभीर क़दम नहीं उठा रहा है."
छात्रों का कहना है कि हाथरस की घटना दिल दहला देने वाली घटना है लेकिन सत्ता में बैठे लोग तथा उत्तर प्रदेश के प्रशासन के रवैये से ऐसा लगता है अब हम अपने माताओं और बहनों की रक्षा खुद से करनी होगी. इस देश के युवाओं से हम सब अपील करना चाहते हैं कि महिलाओ की सुरक्षा के लिए आपको धर्म, जाति और दल से ऊपर उठकर सोचना होगा.
छात्रों ने मामले को फ़ास्ट ट्रैक अदालत में चलाने और अभियुक्तों को फ़ांसी देने की मांग की है. (नि. सं.)

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