सड़क का जर्जर हाल, राहगीर बेहाल

मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र में हर गांव को पक्की सड़क से जोड़ने का बड़े-बड़े दावे हो रहे हों, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा एवं राजनेताओं में इच्छाशक्ति के अभाव के चलते लक्ष्मीनिया से भतरंधा  परमानंदपुर पंचायत के भतरंधा चौक होते हुए सुपौल सहरसा तक जानेवाली सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। 

कई गांवों को जोड़नेवाली इस सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों लोग सफर करते हैं। दिनभर वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। फिर भी किसी को इसकी सुध लेने की फुर्सत नहीं है। सड़क में जगह-जगह बने गड्ढे व उबड़-खाबड़ सड़क इसकी जर्जरता को खुद बयां करती है। सड़क जर्जर होने के कारण दोपहिया व छोटे वाहन चालकों को तो भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते इस मार्ग में अक्सर हादसे भी होते रहते हैं। इधर बरसात के दिनों में तो सड़क की हालत और भी नारकीय हो जाती है। जगह-जगह टूटी सड़क कई जगह तो पूरी तरह कीचड़मय हो जाती है। जिससे होकर निकलना राहगीरों को मुश्किल हो जाता है। अब तो हालत यह है कि भाड़े के वाहन भी इस मार्ग से जाने को कतराते हैं। पता नहीं कब हादसा हो जाए। इसका डर हर दम सालता रहता है। 

ऐसा नहीं है कि क्षेत्र के लोगों ने इस सड़क के पुनर्निर्माण की मांग जोर-शोर से नहीं उठाई। लेकिन उनकी आवाज सुननेवाला शायद कोई नहीं है। भतरंधा परमानपुर पंचायत की मुखिया किरण देवी, मुखिया प्रतिनिधि अशोक यादव, लक्ष्मीनिया के समाजसेवी नवीन यादव, संजय यादव, बेलोखरी के समाजसेवी दीपनारायण यादव, देवनारायण यादव सहित क्षेत्र के ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी से अविलम्ब इस ओर पहल करने की मांग की है ताकि राहगीरों को मुसीबत नही झेलने परे । लोगों के ख्याल रखते हुए भी प्रशासनिक स्तर पर इस ओर पहल करनी चाहिए।
सड़क का जर्जर हाल, राहगीर बेहाल सड़क का जर्जर हाल, राहगीर बेहाल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 05, 2020 Rating: 5

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