मालूम हो कि वैश्विक महामारी के दौरान जारी लॉकडाउन में बैंक, किराना दुकान, वाशिंग सेंटर आदि जगहों को खुला रखने का छूट है लेकिन वहाँ सोशल डिस्टेंसिग के नियमों का पालन करना सख्त जरूरी है.
बता दें कि मधेपुरा जिले के शंकरपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित ग्रामीण बैंक, स्टेट बैंक, ग्राहक सेवा केन्द्र पर जन धन की राशि, उज्जवला योजना की राशि निकासी के लिए सुबह सवेरे से ही महिलाओं का तांता लग जाता है. रूपया निकालने के लिए आये महिलाओं के चेहरे पर न तो मास्क रहता है और न ही वे सोशल डिस्टेंसिग का पालन करती है. वहीं बाजार में भी जाने-आने वाले लोगों में इक्के-दुक्के लोगों के ही चेहरे पर पर मास्क लगा रहता है. यदि लोग इस भीड़ में जमावरा लगाएंगे तो कैसे वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बच पाएंगे. इसपर ध्यान न तो बैंक कर्मी देते हैं और ना ही पुलिस कर्मी. बैंक कर्मी बैंक के मेन गेट पर ताला लगा देते हैं और किसी लाभुक को बैंक परिसर में प्रवेश करने नहीं देते हैं. लोग कड़ाके के धूप में गेट के बाहर खड़े रहते हैं. लोग अपनी-अपनी बाड़ी के इंतजार में खड़े रहते हैं.
इस बावत बीडीओ आशा कुमारी ने बताया कि हमको जानकारी नहीं थी. जानकारी मिली है थाना को बोलते हैं बैंक में जाकर देखने के लिए. वहीं इस बावत थानाध्यक्ष राम बाबू विश्वकर्मा ने बताया कि प्रत्येक बैंक एवं सीएसपी केन्द्र पर चौकीदार को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. जब भी पुलिस जाती है लोग भाग जाते हैं और जाते ही पुनः आकर लोग बैंक के गेट के पास भीड़ लगा देते हैं. वहीं एसबीआई के शाखा प्रबंधक सुधाकर सिन्हा से संपर्क करना चाहा तो फोन रिसीव कर बातें सुनते ही फोन काटते रहे.
बता दें कि मधेपुरा जिले के शंकरपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित ग्रामीण बैंक, स्टेट बैंक, ग्राहक सेवा केन्द्र पर जन धन की राशि, उज्जवला योजना की राशि निकासी के लिए सुबह सवेरे से ही महिलाओं का तांता लग जाता है. रूपया निकालने के लिए आये महिलाओं के चेहरे पर न तो मास्क रहता है और न ही वे सोशल डिस्टेंसिग का पालन करती है. वहीं बाजार में भी जाने-आने वाले लोगों में इक्के-दुक्के लोगों के ही चेहरे पर पर मास्क लगा रहता है. यदि लोग इस भीड़ में जमावरा लगाएंगे तो कैसे वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से बच पाएंगे. इसपर ध्यान न तो बैंक कर्मी देते हैं और ना ही पुलिस कर्मी. बैंक कर्मी बैंक के मेन गेट पर ताला लगा देते हैं और किसी लाभुक को बैंक परिसर में प्रवेश करने नहीं देते हैं. लोग कड़ाके के धूप में गेट के बाहर खड़े रहते हैं. लोग अपनी-अपनी बाड़ी के इंतजार में खड़े रहते हैं.
इस बावत बीडीओ आशा कुमारी ने बताया कि हमको जानकारी नहीं थी. जानकारी मिली है थाना को बोलते हैं बैंक में जाकर देखने के लिए. वहीं इस बावत थानाध्यक्ष राम बाबू विश्वकर्मा ने बताया कि प्रत्येक बैंक एवं सीएसपी केन्द्र पर चौकीदार को प्रतिनियुक्त कर दिया गया है. जब भी पुलिस जाती है लोग भाग जाते हैं और जाते ही पुनः आकर लोग बैंक के गेट के पास भीड़ लगा देते हैं. वहीं एसबीआई के शाखा प्रबंधक सुधाकर सिन्हा से संपर्क करना चाहा तो फोन रिसीव कर बातें सुनते ही फोन काटते रहे.
बैंक एवं सीएसपी केन्द्र में नहीं किया जा रहा है सोशल डिस्टेंसिग का पालन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 23, 2020
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