तेज आंधी तूफान के बाद ऊर्जा मंत्री के शहर में 21 घंटे से विद्युत सेवा बाधित, दर्जनों घर धाराशायी, एक महिला की मौत
सुपौल जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाकों में शुक्रवार की रात आई आंधी, तूफान व बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से व्यापक नुकसान हुआ है.
तेज हवा के झोंकों में कोसी तटबंध के भीतर पिपराखुर्द, बलवा, मुंगरार आदि गांव में सैकड़ों फूस के घर के छप्पर उड़ गये. वहीं कई फूस घर धारासायी हो गये. बलवा पंचायत में घर के नीचे दबने से एक 40 वर्षीया महिला की मौके पर ही मौत हो गयी. जबकि जिला मुख्यालय व आसपास के इलाकों में दर्जनों पेड़ व विद्युत पोल धारासायी हो गया. सड़क पर गिरे विद्युत पोल व पेड़ की वजह से कई सड़कों पर सुबह से दोपहर तक आवागमन बाधित रहा.
लॉकडाउन में प्राकृतिकआपदा ने किसानों की तोड़ी कमर
इलाके के किसान, गरीब व मजदूर लॉकडाउन में भारी परेशानियों का सामना कर रही है. शुक्रवार की रात आई आंधी तूफान व बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि में गरीब मजदूर व किसान की कमर ही तोड़ डाला है. दर्जनों गरीब व मजदूर परिवार के घर धारासायी होने के बाद वे लोग खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हो गये हैं. वहीं आंधी व ओलावृष्टि से इलाकों में मकई की फसल जड़ व बीच से ही टूट कर खेतों में गिर गया. जिस कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गया. वहीं भारी मात्रा में आम के टिकोले व लीचे के नवोदित दाना पेड़ से गिर गये. अब आम व लीचे में सिर्फ सूखा मंजर ही दिख रहा है. जबकि कई नारियल के वृक्ष भी जमीन पर धारासायी हो गये.
अंधेरा में डूबा रहा शहर
आंधी-बारिश के बाद शुक्रवार को पूरी रात शहर में अंधकार का साम्राज्य कायम रहा. शनिवार की सुबह देखा गया कि जिला मुख्यालय के चारों भागों में सड़क पर विद्युत पोल गिरा पड़ा है. वहीं तेज आंधी की चपेट में आए हुए ट्रांसफॉर्मर भी जमीन पर गिर गया है. दर्जनों स्थान पर विद्युत पोल टूट कर गिर चुका है. जिस कारण विद्युत आपूर्ति रात से ही बाधित है. इलाके में आई पहली आंधी ने ही विद्युत विभाग की सारी तैयारियों को ध्वस्त कर दिया. सीमेंट से बने पोल व पुराने लोहा का विद्युत पोल आधे व जमीन पर से ही टूट चुका है. एक ओर जहां तेज आंधी विद्युत पोल टूटने की वजह बतायी जा रही है. वहीं दूसरी ओर लोगों ने सीमेंट से बने पोल के गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है.
एक्टिव दिखे विद्युत कर्मी
शहर में विद्युत आपूर्ति बाधित होने के बाद विद्युत सेवा बहाल करने के प्रति अहले सुबह से ही विद्युत विभाग, पदाधिकारी व कर्मी काफी सजग दिखे. समाहरणालय मुख्य द्वार पर टाउन जेई सिकेंद्र कुमार विद्युत कर्मी के साथ विद्युत तार पर गिरे पेड़ की टहनियों को हटा रहे थे. वहीं विद्युत कार्यालय के सभी कर्मियों द्वारा झुके पोल को सीधा किया जा रहा था. इस दौरान कार्यपालक अभियंता प्रशांत कुमार मंजू, सहायक अभियंता श्याम किशोर, जेई सुनील कुमार सहित दर्जनों विद्युत विभाग के कर्मी एक्टिव दिखे. इलाके में सेवा बहाल करने को लेकर किये जा रहे कार्य का मॉनेटरिंग कार्यपालक अभियंता श्री मंजू स्वयं कर रहे थे.
परेशान रहे शहरवासी
तेज आंधी व तूफान की वजह से बाधित विद्युत सेवा के बाद समाचार प्रेषण तक शहरवासी भीषण गर्मी से जूझते रहे. वहीं विद्युत नहीं रहने की वजह से विद्युत संचालित उपकरण भी ठप रहा. जिस कारण लोगों को पानी की समस्या से भी जूझना पड़ा. खास कर लोगों के मोबाइल फोन ऑफ रहने की वजह से एक-दूसरे से बात करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. सरकारी कार्यालय में जेनरेटर से कार्य संपादित किया गया.
(नि. सं.)
तेज हवा के झोंकों में कोसी तटबंध के भीतर पिपराखुर्द, बलवा, मुंगरार आदि गांव में सैकड़ों फूस के घर के छप्पर उड़ गये. वहीं कई फूस घर धारासायी हो गये. बलवा पंचायत में घर के नीचे दबने से एक 40 वर्षीया महिला की मौके पर ही मौत हो गयी. जबकि जिला मुख्यालय व आसपास के इलाकों में दर्जनों पेड़ व विद्युत पोल धारासायी हो गया. सड़क पर गिरे विद्युत पोल व पेड़ की वजह से कई सड़कों पर सुबह से दोपहर तक आवागमन बाधित रहा.
लॉकडाउन में प्राकृतिकआपदा ने किसानों की तोड़ी कमर
इलाके के किसान, गरीब व मजदूर लॉकडाउन में भारी परेशानियों का सामना कर रही है. शुक्रवार की रात आई आंधी तूफान व बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि में गरीब मजदूर व किसान की कमर ही तोड़ डाला है. दर्जनों गरीब व मजदूर परिवार के घर धारासायी होने के बाद वे लोग खुले आसमान के नीचे रहने को विवश हो गये हैं. वहीं आंधी व ओलावृष्टि से इलाकों में मकई की फसल जड़ व बीच से ही टूट कर खेतों में गिर गया. जिस कारण किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गया. वहीं भारी मात्रा में आम के टिकोले व लीचे के नवोदित दाना पेड़ से गिर गये. अब आम व लीचे में सिर्फ सूखा मंजर ही दिख रहा है. जबकि कई नारियल के वृक्ष भी जमीन पर धारासायी हो गये.
अंधेरा में डूबा रहा शहर
आंधी-बारिश के बाद शुक्रवार को पूरी रात शहर में अंधकार का साम्राज्य कायम रहा. शनिवार की सुबह देखा गया कि जिला मुख्यालय के चारों भागों में सड़क पर विद्युत पोल गिरा पड़ा है. वहीं तेज आंधी की चपेट में आए हुए ट्रांसफॉर्मर भी जमीन पर गिर गया है. दर्जनों स्थान पर विद्युत पोल टूट कर गिर चुका है. जिस कारण विद्युत आपूर्ति रात से ही बाधित है. इलाके में आई पहली आंधी ने ही विद्युत विभाग की सारी तैयारियों को ध्वस्त कर दिया. सीमेंट से बने पोल व पुराने लोहा का विद्युत पोल आधे व जमीन पर से ही टूट चुका है. एक ओर जहां तेज आंधी विद्युत पोल टूटने की वजह बतायी जा रही है. वहीं दूसरी ओर लोगों ने सीमेंट से बने पोल के गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है.
एक्टिव दिखे विद्युत कर्मी
शहर में विद्युत आपूर्ति बाधित होने के बाद विद्युत सेवा बहाल करने के प्रति अहले सुबह से ही विद्युत विभाग, पदाधिकारी व कर्मी काफी सजग दिखे. समाहरणालय मुख्य द्वार पर टाउन जेई सिकेंद्र कुमार विद्युत कर्मी के साथ विद्युत तार पर गिरे पेड़ की टहनियों को हटा रहे थे. वहीं विद्युत कार्यालय के सभी कर्मियों द्वारा झुके पोल को सीधा किया जा रहा था. इस दौरान कार्यपालक अभियंता प्रशांत कुमार मंजू, सहायक अभियंता श्याम किशोर, जेई सुनील कुमार सहित दर्जनों विद्युत विभाग के कर्मी एक्टिव दिखे. इलाके में सेवा बहाल करने को लेकर किये जा रहे कार्य का मॉनेटरिंग कार्यपालक अभियंता श्री मंजू स्वयं कर रहे थे.
परेशान रहे शहरवासी
तेज आंधी व तूफान की वजह से बाधित विद्युत सेवा के बाद समाचार प्रेषण तक शहरवासी भीषण गर्मी से जूझते रहे. वहीं विद्युत नहीं रहने की वजह से विद्युत संचालित उपकरण भी ठप रहा. जिस कारण लोगों को पानी की समस्या से भी जूझना पड़ा. खास कर लोगों के मोबाइल फोन ऑफ रहने की वजह से एक-दूसरे से बात करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. सरकारी कार्यालय में जेनरेटर से कार्य संपादित किया गया.
(नि. सं.)
तेज आंधी तूफान के बाद ऊर्जा मंत्री के शहर में 21 घंटे से विद्युत सेवा बाधित, दर्जनों घर धाराशायी, एक महिला की मौत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 18, 2020
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