'आज भारत में लाखों मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुँच चुके हैं, तब बाबा साहब के विचार और प्रासंगिक हो गए हैं': प्रमोद प्रभाकर

भारतीय संविधान के शिल्पकार, सामाजिक समरस के पुरोधा व भारतीय संविधान के निर्माता, भारत रत्न बाबा भीमराव अम्बेडकर जी की 129 वीं जयंती के अवसर पर आज मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखण्ड के भतखोरा (टोला मुसहरनियां रही) में भाकपा नेता और समाज सेवियों ने बाबा साहब के तेल चित्र पर पुष्प अर्पित कर देश के अंदर उत्पन्न संकट से लड़ने का लिया संकल्प. 


इस अवसर पर भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि आज हमारा देश कोरोना वायरस जैसी महामारी को झेल रहा है, हालात अत्यंत ही खतरनाक हो चुका है, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुसार 40 करोड़ मज़दूरों और गरीबों की स्थित नारकीय हो सकती है. आज भारत में लाखों मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुँच चुके हैं, तब बाबा साहब के विचार और प्रासंगिक हो गए हैं. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा का मूल मंत्र देने वाले बाबा साहब ने शोषित समाज से कहा था कि जो कौम अपना इतिहास नहीं जानती, वह कौम कभी इतिहास नहीं बना सकती. वहीं भाकपा नेता ने कहा कि आज हम सब देश और संविधान बचाने का संकल्प लें.  

मौके पर समाजसेवी अशोक कुमार सिंह, राजू सिंह, महादेव ऋषिदेव, मो. सोयेव, इन्द्र भूषण सिंह, मोहन सिंह आदि उपस्थित थे. सब के सब लॉकडाउन के नियमों के अनुसार दूरी बनाए हुए थे.
'आज भारत में लाखों मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुँच चुके हैं, तब बाबा साहब के विचार और प्रासंगिक हो गए हैं': प्रमोद प्रभाकर 'आज भारत में लाखों मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुँच चुके हैं, तब बाबा साहब के विचार और प्रासंगिक हो गए हैं': प्रमोद प्रभाकर Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 14, 2020 Rating: 5

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