मधेपुरा में मुकेश नामक एक बाइक सवार को पुलिस द्वारा बाइक चेकिंग का वीडियो बनाना महंगा पड़ा. पुलिस ने मुकेश को गिरफ्तार कर जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया । मामला परमानन्द पुर ओपी का है।
पुलिस ने मुकेश के खिलाफ पुलिस के साथ धक्का मुक्की गाली गलौच और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है।
परमानन्दपुर ओपी प्रभारी विजय प्रसाद ने सदर थाना में आवेदन देकर एफआईआर दर्ज कराया है. श्री प्रसाद ने आवेदन में कहा कि वे सोमवार को परमानन्दपुर ओपी के बलुअहा में शाम 4 बजे पुलिस बल के साथ बाइक चेकिंग कर रहे थे. इसी दौरान एक बाइक सवार युवक तेज रफ्तार से जा रहा था कि पुलिस बल ने रोकने का इशारा किया. युवक पहले बाइक को धीरे किया और फिर तेज कर भागने का प्रयास किया तो पुलिस बल ने रोक लिया. जब उन्हे गाड़ी का कागजात दिखाने और डिक्की खोलने को कहा युवक ने इंकार करते हुए पुलिस बल के साथ धक्का-मुककी करते गिरा दिया और गाली-गलौज करते हुए पुलिस बल को सस्पेंड कराने और वर्दी उतरवाने की घमकी देने लगे तो युवक को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ मे पता चला कि युवक सुपौल जिले के पीपरा थाना क्षेत्र के सखुआ वार्ड नंबर 8 का निवासी है । युवक के खिलाफ पुलिस के साथ गाली-गलौज, धक्का मुक्की और सरकारी कार्य मे बाधा डाले आरोप लगते मामला दर्ज करते मामला दर्ज किया।
दूसरी ओर गिरफ्तार युवक ने घटना के बावत बताया कि वे सहरसा से बाइक से अपने घर सखुआ जा रहे थे. परमानन्दपुर पुलिस बाइक चेकिंग कर रही थी. इस दौरान मुझे भी रोका और गाड़ी जांच के नाम पर रिश्वत लेकर गाड़ी छोड़ रहा था तो मैं अपने मोबाइल से पुलिस के कारनामे का वीडियो बनाने लगा. इसे देखकर पुलिस मेरे साथ धक्का मुक्की करते मारपीट करने लगी और अन्य पुलिस को बुला लिया । मुझसे गाड़ी की कागजात की मांग किया. कागज देने के बावजूद वे जबरन थाना लाये और गाड़ी को जब्त कर लिया, फिर मधेपुरा सदर थाना लाया । मेरी तलाशी ली गयी और मेरा साथ में जो समान था मेरे परिजन को दे दिया. लेकिन मेरा मोबाइल जिसमें पुलिस की करतूत कैद किया था, वह मोबाइल रख लिया. मुझे विश्वास है कि मेरे मोबाइल में कैद तस्वीर पुलिस डिलीट कर देंगे और मुझे कोई केस मे फंसा देगे। उन्होने एसपी से अनुरोध किया कि वे मेरे मोबाइल की जांच करे तो पता चलेगा पुलिस बाइक चेकिंग के नाम क्या कर रही थी?
ओपी प्रभारी विजय प्रसाद ने बताया कि बाइक चेकिंग चल रही थी. इसी दौरान युवक बाइक से जा रहा था. पुलिस ने बाइक रोका और गाड़ी का कागजात दिखने कहा तो वह जो कागजात दिखा वह पानी से भींगा हुआ था, स्पष्ट नहीं था तो युवक ने कहा कि कागजात ऑनलाइन देख सकते हैं. इसपर उन्हे कहा गया कि यहां यह व्यवस्था नहीं है । फिर मैं दूसरी ओर दूसरे बाइक का कागजात देखने चले तो युवक गाड़ी लेकर चल दिया तो पुलिस बल ने उसे रोका तो उसके साथ धक्का मुक्की करने लगा. आखिरकार उन्हें सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया । उन्होंने रिश्वत लेकर गाड़ी छोड़ने के वीडियो बनाने पर गिरफ्तार करने के आरोप को बेबुनियाद बताया. साथ ही कहा कि युवक का मोबाइल पुलिस ने जब्त किया है. मोबाइल से साक्ष्य को डिलिट करने के आरोप को खरीज किया है।
पुलिस ने मुकेश के खिलाफ पुलिस के साथ धक्का मुक्की गाली गलौच और सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है।
परमानन्दपुर ओपी प्रभारी विजय प्रसाद ने सदर थाना में आवेदन देकर एफआईआर दर्ज कराया है. श्री प्रसाद ने आवेदन में कहा कि वे सोमवार को परमानन्दपुर ओपी के बलुअहा में शाम 4 बजे पुलिस बल के साथ बाइक चेकिंग कर रहे थे. इसी दौरान एक बाइक सवार युवक तेज रफ्तार से जा रहा था कि पुलिस बल ने रोकने का इशारा किया. युवक पहले बाइक को धीरे किया और फिर तेज कर भागने का प्रयास किया तो पुलिस बल ने रोक लिया. जब उन्हे गाड़ी का कागजात दिखाने और डिक्की खोलने को कहा युवक ने इंकार करते हुए पुलिस बल के साथ धक्का-मुककी करते गिरा दिया और गाली-गलौज करते हुए पुलिस बल को सस्पेंड कराने और वर्दी उतरवाने की घमकी देने लगे तो युवक को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ मे पता चला कि युवक सुपौल जिले के पीपरा थाना क्षेत्र के सखुआ वार्ड नंबर 8 का निवासी है । युवक के खिलाफ पुलिस के साथ गाली-गलौज, धक्का मुक्की और सरकारी कार्य मे बाधा डाले आरोप लगते मामला दर्ज करते मामला दर्ज किया।
दूसरी ओर गिरफ्तार युवक ने घटना के बावत बताया कि वे सहरसा से बाइक से अपने घर सखुआ जा रहे थे. परमानन्दपुर पुलिस बाइक चेकिंग कर रही थी. इस दौरान मुझे भी रोका और गाड़ी जांच के नाम पर रिश्वत लेकर गाड़ी छोड़ रहा था तो मैं अपने मोबाइल से पुलिस के कारनामे का वीडियो बनाने लगा. इसे देखकर पुलिस मेरे साथ धक्का मुक्की करते मारपीट करने लगी और अन्य पुलिस को बुला लिया । मुझसे गाड़ी की कागजात की मांग किया. कागज देने के बावजूद वे जबरन थाना लाये और गाड़ी को जब्त कर लिया, फिर मधेपुरा सदर थाना लाया । मेरी तलाशी ली गयी और मेरा साथ में जो समान था मेरे परिजन को दे दिया. लेकिन मेरा मोबाइल जिसमें पुलिस की करतूत कैद किया था, वह मोबाइल रख लिया. मुझे विश्वास है कि मेरे मोबाइल में कैद तस्वीर पुलिस डिलीट कर देंगे और मुझे कोई केस मे फंसा देगे। उन्होने एसपी से अनुरोध किया कि वे मेरे मोबाइल की जांच करे तो पता चलेगा पुलिस बाइक चेकिंग के नाम क्या कर रही थी?
ओपी प्रभारी विजय प्रसाद ने बताया कि बाइक चेकिंग चल रही थी. इसी दौरान युवक बाइक से जा रहा था. पुलिस ने बाइक रोका और गाड़ी का कागजात दिखने कहा तो वह जो कागजात दिखा वह पानी से भींगा हुआ था, स्पष्ट नहीं था तो युवक ने कहा कि कागजात ऑनलाइन देख सकते हैं. इसपर उन्हे कहा गया कि यहां यह व्यवस्था नहीं है । फिर मैं दूसरी ओर दूसरे बाइक का कागजात देखने चले तो युवक गाड़ी लेकर चल दिया तो पुलिस बल ने उसे रोका तो उसके साथ धक्का मुक्की करने लगा. आखिरकार उन्हें सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया । उन्होंने रिश्वत लेकर गाड़ी छोड़ने के वीडियो बनाने पर गिरफ्तार करने के आरोप को बेबुनियाद बताया. साथ ही कहा कि युवक का मोबाइल पुलिस ने जब्त किया है. मोबाइल से साक्ष्य को डिलिट करने के आरोप को खरीज किया है।
पुलिस के बाइक चेकिंग के वीडियो बनाने का न लें जोखिम, खानी पड़ सकती है जेल की हवा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 11, 2020
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