मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड में प्रशासन ने जल जीवन हरियाली, नशा मुक्ति, दहेजप्रथा और बालविवाह के समर्थन में मानव श्रृंखला की सफलता को लेकर जहाँ अपनी ताकत झोंकी वहीँ रविवार को मानव श्रृंखला बनाने में आंशिक कामयाबी ही हासिल कर सकी ।
मिली जानकारी के अनुसार आमलोगों में मानव श्रृंखला में भाग लेने को लेकर पिछली बार कि तुलना में इस बार कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं देखी गई।
प्रशासनिक प्रयास के कारण भले ही ग्रामीण क्षेत्र से जनप्रतिनिधि, डीलर, स्कूल के एचएम, आंगनबाड़ी सेविका, आदि अपने अपने सेक्टर के लिए लोगों को एकत्रित कर ट्रैक्टर और ऑटो से नो बजे से निकालने में लगे थे। लेकिन सेक्टर पर पंहुचते पंहुचते स्कूली छात्र, जीविका दीदी, सेविका और सरकारी कर्मचारियों के अलावा आमतौर पर आम लोगों के द्वारा मानव श्रृंखला में भाग लेने में कोई दिलचस्पी नहीं देखा गया। पिछले साल की भांति इस बार लोगों में कोई खास उत्साह नहीं देखा गया।
11 बजे से एक्का दुक्का गाड़ी बच्चों को सेक्टर पर पंहुचते देखा गया। प्रशासनिक स्तर पर शुद्ध पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था में खानापूर्ति किया गया। कहीं कहीं शौचालय बनाया गया और मात्र एक ऑटो पर शुद्ध पेयजल का ही व्यवस्था सड़क पर दौड़ती देखी गई।
11 बजकर 45 मिनट में लाइन कही कही दो सौ मीटर तो कही 400 मीटर खाली लाइन देखा गया। जिसकी सूचना मिलते बीडीओ राघवेंद्र शर्मा ने घैलाढ़ पूर्वी टोला से इटहरी तक लाइन को फैलाने के बाबजूद भी कई जगह खाली ही रह गया। वही जनप्रतिनिधियों ने भी घूम रहे लोगों से अपील कर उन्हें लाइन में लगाया । श्रृंखला भतरंधा हाट से श्रीनगर के बीच भी कहीं कहीं खाली ही रहा वहीं श्रीनगर के बाद डेढ़ किलोमीटर एक भी लोग लाइन में नजर नहीं आये। इटहरी चौक पर लाइन से हटकर खड़ा कुछ बुजुर्गों ने बताया कि सरकार अपनी राजनीति के लिए ऐसा कर रही है ।
मिली जानकारी के अनुसार आमलोगों में मानव श्रृंखला में भाग लेने को लेकर पिछली बार कि तुलना में इस बार कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं देखी गई।
प्रशासनिक प्रयास के कारण भले ही ग्रामीण क्षेत्र से जनप्रतिनिधि, डीलर, स्कूल के एचएम, आंगनबाड़ी सेविका, आदि अपने अपने सेक्टर के लिए लोगों को एकत्रित कर ट्रैक्टर और ऑटो से नो बजे से निकालने में लगे थे। लेकिन सेक्टर पर पंहुचते पंहुचते स्कूली छात्र, जीविका दीदी, सेविका और सरकारी कर्मचारियों के अलावा आमतौर पर आम लोगों के द्वारा मानव श्रृंखला में भाग लेने में कोई दिलचस्पी नहीं देखा गया। पिछले साल की भांति इस बार लोगों में कोई खास उत्साह नहीं देखा गया।
11 बजे से एक्का दुक्का गाड़ी बच्चों को सेक्टर पर पंहुचते देखा गया। प्रशासनिक स्तर पर शुद्ध पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्था में खानापूर्ति किया गया। कहीं कहीं शौचालय बनाया गया और मात्र एक ऑटो पर शुद्ध पेयजल का ही व्यवस्था सड़क पर दौड़ती देखी गई।
11 बजकर 45 मिनट में लाइन कही कही दो सौ मीटर तो कही 400 मीटर खाली लाइन देखा गया। जिसकी सूचना मिलते बीडीओ राघवेंद्र शर्मा ने घैलाढ़ पूर्वी टोला से इटहरी तक लाइन को फैलाने के बाबजूद भी कई जगह खाली ही रह गया। वही जनप्रतिनिधियों ने भी घूम रहे लोगों से अपील कर उन्हें लाइन में लगाया । श्रृंखला भतरंधा हाट से श्रीनगर के बीच भी कहीं कहीं खाली ही रहा वहीं श्रीनगर के बाद डेढ़ किलोमीटर एक भी लोग लाइन में नजर नहीं आये। इटहरी चौक पर लाइन से हटकर खड़ा कुछ बुजुर्गों ने बताया कि सरकार अपनी राजनीति के लिए ऐसा कर रही है ।
घैलाढ़ में मानव श्रृंखला का रहा मिलाजुला असर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 19, 2020
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