निगरानी जाँच टीम ने विश्वविद्यालय के पुराने कैम्पस और नए कैम्पस स्थित कई विभागों के कार्यालय पहुंचकर खंगाला तथा अहम् संचिका एंव कार्यालय में पदस्थापित अधिकारी से भी कई बिन्दुओं पर की अहम् पूछताछ.

लगभग 04 साल बाद निगरानी विभागीय जाँच टीम आज एक बार फिर से विश्वविद्यालय पहुँच कर मामले की जाँच कर रही है. बता दें कि विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता मामले की जांच को लेकर 31 अगस्त वर्ष 2015 में रिंकी यदुवंशी नामक एक समाज सेवी महिला ने विश्वविद्यालय के कार्यशैली पर आरोप लगाते हुए विभिन्न परीक्षा में उतर पुस्तिका सहित प्रश्न पत्रों के प्रकाशन एवं कई तरह की फर्नीचर खरीद इत्यादि मामले सहित मास्टर कम्प्यूटर के क्रय में भारी वितीय अनिमियता बरतने तथा लगभग विभिन्न मामले में करीब 40 करोड़ की गबन घोटाले के मामले में निगरानी विभाग को लिखित आवेदन देकर की थी जाँच की मांग.
इसी मामले को लेकर आज मधेपुरा बीएन मंडल विश्वविद्यालय पहुंचे निगरानी विभाग की जाँच टीम, जहाँ जाँच टीम में शामिल निगरानी विभाग के डीएसपी कन्हैया लाल ने बताया कि वर्ष 2012 से लेकर 2015 के बीच विश्वविद्यालय में कई कीमती सामान की फर्जी तरीके से खरीददारी की गयी. करीब 40 करोड़ के गबन घोटाले का मामला प्रकाश में आया है. इस मामले को लेकर मधेपुरा पहुँचा हूँ. जाँच के बाद ही हो सकता है मामले में बड़ा खुलासा.
वहीँ इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति डॉ ए.के. रॉय ने बताया कि यह मामला काफी पुराना है. इस मामले में पहले हीं सेटलमेंट हो चुका था लेकिन वर्षों बाद फिर से मामला खुला है. जाँच टीम के द्वारा जो भी सूचना या दस्तावेज मांगी जा रही है इस को लेकर हमने विभागीय अधिकारी को नोटिस जारी कर दिया है, कागजात जाँच टीम को दिया जाए.
हालाँकि एक सवाल के जबाब में वर्तमान कुलपति ने कहा कि यह मामला पुराना है. पहले कभी भी हमारे कार्यकाल में निगरानी जाँच टीम नहीं पहुंची थी. यह पहला मामला है जो आज निगरानी की टीम विश्वविद्यालय पहुंची है उन्हें सभी दस्तावेज की फ़ाइल जांच के लिए सौंपी जाएगी.

गबन के मामले को लेकर निगरानी जाँच टीम पहुँची बीएनएमयू: करीब 40 करोड़ के घोटाले के हैं आरोप
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 02, 2019
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