बेटियाँ कर रही हैं पिता का सीना चौड़ा: एक किसान की बेटी तो दूसरी नाश्ता की दूकान चलाने वाले की बेटी ने मैट्रिक में लाया बेहतर रिजल्ट
मधेपुरा जिले के बिहारीगंज प्रखंड के लक्ष्मीपुर की बेटी मनीषा भारती ने मैट्रिक परीक्षा में 431 नंबर लाकर पूरे प्रखंड में प्रथम स्थान लाया और बिहारीगंज का नाम रोशन किया है.
मनीषा भारती ने बिहारीगंज के गरीब चंद जायसवाल उच्च माध्यमिक विद्यालय से परीक्षा पास की है तथा अपनी लगन से 500 में से 431 अंक यानी 86.2 प्राप्त किया ।
मनीषा के पिता मनोज कुमार एक किसान है फिर भी अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलाने में कोई कमी नहीं रखा है.
इसी प्रखंड से एक और सफलता छोटे नाश्ता की दूकान चलाने भीम साहा की बेटी कोमल ने अर्जित की है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना के द्वारा आयोजित रिजल्ट में मधेपुरा जिला के बिहारीगंज वार्ड नंबर 11 कोमल रानी जो भीम साहा की सबसे छोटी पुत्री है, ने अपने स्कूल में 409 अंक लाकर फर्स्ट स्थान प्राप्त की और अपने गरीब माँ-बाप का नाम रोशन किया.
कोमल के पिता एक छोटे से नाश्ता की दुकान करते हैं. पिता ने बताया कि हमें तीन लड़कियां ही हैं, मैं इसे ही अपने बेटा की तरह मानता हूँ. कोमल पढ़ने में बहुत लगनशील थी और बहुत परिश्रम करती थी. जबकि कोमल का कहना है कि पढ़ाई के परिश्रम से जो स्थान प्राप्त की हूँ उसमें मेरे माता पिता एवं मेरे गुरु जी का भी बहुत बड़ा योगदान है. आगे पढ़कर इंजीनियर बनना चाहती हूँ.
(बिहारीगंज से मुकेश कुमार की रिपोर्ट)
मनीषा भारती ने बिहारीगंज के गरीब चंद जायसवाल उच्च माध्यमिक विद्यालय से परीक्षा पास की है तथा अपनी लगन से 500 में से 431 अंक यानी 86.2 प्राप्त किया ।
मनीषा के पिता मनोज कुमार एक किसान है फिर भी अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलाने में कोई कमी नहीं रखा है.
इसी प्रखंड से एक और सफलता छोटे नाश्ता की दूकान चलाने भीम साहा की बेटी कोमल ने अर्जित की है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना के द्वारा आयोजित रिजल्ट में मधेपुरा जिला के बिहारीगंज वार्ड नंबर 11 कोमल रानी जो भीम साहा की सबसे छोटी पुत्री है, ने अपने स्कूल में 409 अंक लाकर फर्स्ट स्थान प्राप्त की और अपने गरीब माँ-बाप का नाम रोशन किया.
कोमल के पिता एक छोटे से नाश्ता की दुकान करते हैं. पिता ने बताया कि हमें तीन लड़कियां ही हैं, मैं इसे ही अपने बेटा की तरह मानता हूँ. कोमल पढ़ने में बहुत लगनशील थी और बहुत परिश्रम करती थी. जबकि कोमल का कहना है कि पढ़ाई के परिश्रम से जो स्थान प्राप्त की हूँ उसमें मेरे माता पिता एवं मेरे गुरु जी का भी बहुत बड़ा योगदान है. आगे पढ़कर इंजीनियर बनना चाहती हूँ.
(बिहारीगंज से मुकेश कुमार की रिपोर्ट)
बेटियाँ कर रही हैं पिता का सीना चौड़ा: एक किसान की बेटी तो दूसरी नाश्ता की दूकान चलाने वाले की बेटी ने मैट्रिक में लाया बेहतर रिजल्ट
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 09, 2019
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