मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत सोमवार की रात पुलिस द्वारा एक ट्रक (नंबर बीआर 01 जी सी 0 307) पर चावल लदा हुआ था जिसे मुरलीगंज गौशाला चौक के समीप खाद्य निगम के गोदाम से कुछ दूरी पर पकड़ा गया.
स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा संबंधित चावल के बारे में जानकारी मांगी गई तो चालक पंकज यादव ने चालान एवं लदे हुए चावल से संबंधित जो कागजात मौके पर मौजूद पुलिस को दिखाया गया वह बिल्कुल ही संदेहास्पद था.
मामले में जानकारी देते हुए मुरलीगंज थाना अध्यक्ष इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार ने बताया कि ट्रक को जप्त कर थाने लाया गया ,चावल प्रथम दृष्टया में बिल्कुल ही जन वितरण प्रणाली के दुकानों द्वारा जमा किया गया है प्रतीत हुआ और इसे कालाबाजारी के लिए भेजा जा रहा था. इस विषय में थानाध्यक्ष ने आगे बताया कि जिससे प्रतीत होता है कि यह कालाबाजारी का ही चावल था.
मुरलीगंज थानाध्यक्ष द्वारा जब ट्रक पर लगे हुए चावल का निरीक्षण किया गया तो जानकारी दी की किसी भी चावल के बोरे को लाल धागे से नहीं सिलाई की गई थी जबकि इस तरह के चावलों को जब भेजा जाता है तो उसे लाल धागे से सिलाई की जाती है. साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि चावल तैयार किए गए मिल का नाम चावल के बोरे पर लाल रंग से अंकित रहता है जिसे भी नहीं पाया गया. साथ ही सिलाई किए जाने की जगह पर राइस मिल का नाम और टैग कर छोटे से पुर्जे पर अंकित रहता है वह भी नहीं पाया गया.
बताया कि अधिकांश चावल के बैग का मुंह खुला हुआ और सुतली से लपेट कर बांधा गया था और किसी किसी की सिलाई सुतली से की गई थी पर कहीं भी पैक्स का नाम या मिलर का नाम अंकित नहीं था.
ट्रक ड्राइवर पंकज यादव ने बताया रोनिस इंटरप्राइजेज कुमारखंड रहटा जिनके प्रोपराइट नित्यानंद चौधरी उर्फ बाबू साहब और उनके पुत्र मुकेश चौधरी के यहां से चावल ट्रक पर लादे गए थे.
बड़े अंदेशे से इनकार नहीं किया जा सकता इसमें जन वितरण प्रणाली के साथ साथ बिहार खाद्यान्न विभाग के कई कर्मचारी संलिप्त हो सकते हैं जांच के बाद ही मामले में खुलासे हो पाएंगे.
इस आशय की सूचना जिले के तमाम वरीय पदाधिकारी से लेकर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को लिखित रूप में दी गई है. मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है.
स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा संबंधित चावल के बारे में जानकारी मांगी गई तो चालक पंकज यादव ने चालान एवं लदे हुए चावल से संबंधित जो कागजात मौके पर मौजूद पुलिस को दिखाया गया वह बिल्कुल ही संदेहास्पद था.
मामले में जानकारी देते हुए मुरलीगंज थाना अध्यक्ष इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार ने बताया कि ट्रक को जप्त कर थाने लाया गया ,चावल प्रथम दृष्टया में बिल्कुल ही जन वितरण प्रणाली के दुकानों द्वारा जमा किया गया है प्रतीत हुआ और इसे कालाबाजारी के लिए भेजा जा रहा था. इस विषय में थानाध्यक्ष ने आगे बताया कि जिससे प्रतीत होता है कि यह कालाबाजारी का ही चावल था.
मुरलीगंज थानाध्यक्ष द्वारा जब ट्रक पर लगे हुए चावल का निरीक्षण किया गया तो जानकारी दी की किसी भी चावल के बोरे को लाल धागे से नहीं सिलाई की गई थी जबकि इस तरह के चावलों को जब भेजा जाता है तो उसे लाल धागे से सिलाई की जाती है. साथ ही साथ उन्होंने यह भी बताया कि चावल तैयार किए गए मिल का नाम चावल के बोरे पर लाल रंग से अंकित रहता है जिसे भी नहीं पाया गया. साथ ही सिलाई किए जाने की जगह पर राइस मिल का नाम और टैग कर छोटे से पुर्जे पर अंकित रहता है वह भी नहीं पाया गया.
बताया कि अधिकांश चावल के बैग का मुंह खुला हुआ और सुतली से लपेट कर बांधा गया था और किसी किसी की सिलाई सुतली से की गई थी पर कहीं भी पैक्स का नाम या मिलर का नाम अंकित नहीं था.
ट्रक ड्राइवर पंकज यादव ने बताया रोनिस इंटरप्राइजेज कुमारखंड रहटा जिनके प्रोपराइट नित्यानंद चौधरी उर्फ बाबू साहब और उनके पुत्र मुकेश चौधरी के यहां से चावल ट्रक पर लादे गए थे.
बड़े अंदेशे से इनकार नहीं किया जा सकता इसमें जन वितरण प्रणाली के साथ साथ बिहार खाद्यान्न विभाग के कई कर्मचारी संलिप्त हो सकते हैं जांच के बाद ही मामले में खुलासे हो पाएंगे.
इस आशय की सूचना जिले के तमाम वरीय पदाधिकारी से लेकर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को लिखित रूप में दी गई है. मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है.
कालाबाजारी के लिए ले जा रहे 450 बैग चावल से लदा ट्रक जब्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 09, 2019
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