
शरद पूर्णिमा उत्सव का आगाज खेलकूद से हुआ । स्वयं सेवकों ने अपने पसंदीदा भारतीय खेल कबड्डी का आनंद उठाया । फिर योग, शारीरिक और गीत का दौर चला । इस बीच बड़े बड़े हांडियों में सोंधी सोंधी सुगंध वाली खीर बनकर तैयार हो गई। उसे खुले आसमान के नीचे शीत लगने छोड़ दिया गया। यह सब मुख्य शिक्षक श्याम जी, विद्यार्थी विस्तारक आलोक जी और नगर कार्यवाह ललन जी नेतृत्व में सम्पन्न हुआ ।
बौद्धिक के दौरान जिला प्रचार प्रमुख तरुण जी ने शरद पूर्णिमा की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि आज की रात आसमान से अमृत की वर्षा होती है।खुले में रखी दूध चावल की खीर चांदनी और शीत के स्पर्श पाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता (अमृत) से परिपूर्ण हो जाती है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ शरद पूर्णिमा के इस पर्व को सामाजिक समरसता के साथ मनाती है।हमारा संघ विश्व भर में दस करोड़ से अधिक स्वंय सेवकों के साथ अब विश्व की सबसे बड़ी संस्था बन चुकी है। हिन्दू हित के उद्देश्य से स्थापित यह संस्था हरेक हिन्दू के प्रति समर्पित है।
इस अवसर पर आर एस एस के नीरज जी, गुलजार जी, जीवानंद, गणेश जी, सुनील जी, भाजपा के जिलाध्यक्ष स्वदेश, डॉ विजय कुमार विमल, अरविंद अकेला, दीपक यादव, दिलीप सिंह, अंकेश गोप, विद्यार्थी परिषद के डॉ ललन अद्री, रंजन,राजू सनातन, उपेंद्र जी तथा राहुल यादव आदि ने उपस्थित होकर सक्रिय सहयोग दिया. यहां बड़ी संख्या में अन्य लोगों ने भी शिरकत कर शरद पूर्णिमा उत्सव का आनंद लिया ।

आर एस एस का आयोजन: शरद पूर्णिमा की चांदनी और ओस के बीच पवित्र खीर का वितरण
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 25, 2018
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