शराब की शिकायत को नजरअंदाज करना पड़ा महँगा: सिंहेश्वर के निलंबित थानाध्यक्ष के दस साल तक थानाध्यक्ष बनने पर लगी रोक
मधेपुरा में अवैध शराब बेचने की शिकायत मिलने के बावजूद कार्रवाई नहीं करने को एसपी बाबू राम ने गंभीरता से लेते हुए सिंहेश्वर के थानाध्यक्ष को दस साल तक थानाध्यक्ष बनाने पर रोक लगाते हुए निलंबित कर दिया है ।
एसपी के इस कार्रवाई से पुलिस महकमे मे हड़कंप मच गया और पुलिस प्रशासन में ये कार्रवाई चर्चा का विषय बना हुआ है ।
ग्रामीण की शिकायत को नजरअंदाज करने पर सिंहेश्वर के थानाध्यक्ष राजेश कुमार-I को दस साल तक के लिए थानाध्यक्ष नहीं बनाने की कारवाई शायद बिहार के लिए पहली घटना मानी जा रही है । घटना से पुलिस महकमा में इस कदर हड़कंप मच है कि सिंहेश्वर के नये थानाध्यक्ष बनाने मे पुलिस अधीक्षक को भारी परेशानी हो रही है ।
मालूम हो कि थाना में लोगों की शिकायत करने को पुलिस हल्के में लेते रहे हैं, जिसके कारण कई बार शिकायत बड़ी बात बन जाती है । जबकि पुलिस के उच्चाधिकारी अक्सर थानाध्यक्ष को छोटी सी छोटी घटना को नजरअंदाज न करने की हिदायत देते रहे हैं लेकिन थानाध्यक्ष चेतावनी का कोई असर नही होता रहा है ।
ऐसा ही कुछ हुआ सिंहेश्वर थानाध्यक्ष राजेश कुमार के साथ । शनिवार को सिंहेश्वर के जजहट सैलाब के मुसहरी टोला की महिलायें शराब की होम डिलीवरी देने लगातार आने वाले शराब तस्कर से परेशान थी. सिंहेश्वर थाना को शराब तस्कर आने की सूचना देते रहे लेकिन पुलिस शिकायत को हल्के मे लेते रहे. आखिरकार महिलाओ ने एसपी बाबू राम को शिकायत यह कहते किया कि शराब तस्कर को पकड़ने के लिए सिंहेश्वर पुलिस को न भेजे क्योंकि तस्करों ने उनसे मिली भगत कर रखा है ।
एसपी ने तत्काल सदर थाना पुलिस को कारवाई करने आदेश दिया. शराब तस्कर शराब के साथ पकड़ा गया और सिंहेश्वर थानाध्यक्ष की उल्टी गिनती शुरू हो गई. रविवार को एसपी ने शराब की शिकायत को नजरअंदाज करने और लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया. साथ ही थानाध्यक्ष के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए प्रोसेसिंग मे दस साल तक थानाध्यक्ष बनाने पर रोक लगा दी है ।
एक और मजेदार बात यह है कि इसी मामले में गिरफ्तार शराब तस्कर ने यह कहकर चौंका दिया कि तीन महीने पहले जिले के बेलारी ओपी में शराब के साथ पकड़ाया था लेकिन पुलिस से मैनेज के बाद छूट गया था । शराब तस्कर के बयान ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा रखा है. ऐसी चर्चा है कि मैनेज करने वाले पुलिस पदाधिकारी पर भी गाज गिर सकती है.
(रिपोर्ट: पियूष राज)
एसपी के इस कार्रवाई से पुलिस महकमे मे हड़कंप मच गया और पुलिस प्रशासन में ये कार्रवाई चर्चा का विषय बना हुआ है ।
ग्रामीण की शिकायत को नजरअंदाज करने पर सिंहेश्वर के थानाध्यक्ष राजेश कुमार-I को दस साल तक के लिए थानाध्यक्ष नहीं बनाने की कारवाई शायद बिहार के लिए पहली घटना मानी जा रही है । घटना से पुलिस महकमा में इस कदर हड़कंप मच है कि सिंहेश्वर के नये थानाध्यक्ष बनाने मे पुलिस अधीक्षक को भारी परेशानी हो रही है ।
मालूम हो कि थाना में लोगों की शिकायत करने को पुलिस हल्के में लेते रहे हैं, जिसके कारण कई बार शिकायत बड़ी बात बन जाती है । जबकि पुलिस के उच्चाधिकारी अक्सर थानाध्यक्ष को छोटी सी छोटी घटना को नजरअंदाज न करने की हिदायत देते रहे हैं लेकिन थानाध्यक्ष चेतावनी का कोई असर नही होता रहा है ।
ऐसा ही कुछ हुआ सिंहेश्वर थानाध्यक्ष राजेश कुमार के साथ । शनिवार को सिंहेश्वर के जजहट सैलाब के मुसहरी टोला की महिलायें शराब की होम डिलीवरी देने लगातार आने वाले शराब तस्कर से परेशान थी. सिंहेश्वर थाना को शराब तस्कर आने की सूचना देते रहे लेकिन पुलिस शिकायत को हल्के मे लेते रहे. आखिरकार महिलाओ ने एसपी बाबू राम को शिकायत यह कहते किया कि शराब तस्कर को पकड़ने के लिए सिंहेश्वर पुलिस को न भेजे क्योंकि तस्करों ने उनसे मिली भगत कर रखा है ।
एसपी ने तत्काल सदर थाना पुलिस को कारवाई करने आदेश दिया. शराब तस्कर शराब के साथ पकड़ा गया और सिंहेश्वर थानाध्यक्ष की उल्टी गिनती शुरू हो गई. रविवार को एसपी ने शराब की शिकायत को नजरअंदाज करने और लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया. साथ ही थानाध्यक्ष के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए प्रोसेसिंग मे दस साल तक थानाध्यक्ष बनाने पर रोक लगा दी है ।
एक और मजेदार बात यह है कि इसी मामले में गिरफ्तार शराब तस्कर ने यह कहकर चौंका दिया कि तीन महीने पहले जिले के बेलारी ओपी में शराब के साथ पकड़ाया था लेकिन पुलिस से मैनेज के बाद छूट गया था । शराब तस्कर के बयान ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा रखा है. ऐसी चर्चा है कि मैनेज करने वाले पुलिस पदाधिकारी पर भी गाज गिर सकती है.
(रिपोर्ट: पियूष राज)
शराब की शिकायत को नजरअंदाज करना पड़ा महँगा: सिंहेश्वर के निलंबित थानाध्यक्ष के दस साल तक थानाध्यक्ष बनने पर लगी रोक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
June 11, 2018
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