फिर से उद्धारक की बाट जोहने लगा सिंहेश्वर मंदिर का शिवगंगा, संवेदक ने कार्य अधूरा छोड़ा

मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर के प्रसिद्ध शिव मंदिर स्थित शिवगंगा फिर से अपने उद्धारक की बाट जोह रहा है । 


शिवगंगा में सीढ़ी के नीचे बने गड्ढे को भरने और जेठ के समीप भगवान भोलेनाथ की अलौकिक संगमरमर की प्रतिमा स्थापित करने के लिए चार पीलर बनाया जा रहा है, जिसके उपर ढलाई किया जायेगा । पानी निकासी के बाद शिवगंगा में जो दृश्य दिखाई दे रहा है, उसे देखकर आम आदमी सिहर उठे हैं ।

शिवगंगा में जो कीचड दिखाई दे रहा है वह पैर रखने पर 3 से 4 फीट तक धंस रहा है । पूरे शिवगंगा को पूर्व में जीर्णोद्रार के समय जिस तरीके से जगह जगह खोद दिया गया कि पूरा  शिवगंगा उबड़ खाबर हो गया, जो शिवगंगा में हो रही मौतों का भी एक कारण है । मालूम हो  6 जून 2013 को शिवगंगा के जीर्णोद्रार के लिए 2 करोड 80 लाख 54 हजार रुपये की योजना का शिलान्यास प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार ने  किया था । जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि शिवगंगा से नदी तक सीवरेज तथा ड्रैनेज लाईन की व्यवस्था, सोलर वाटर पंप और शिवगंगा से नदी तक जल निकासी, मंदिर के सामने छायादार वृक्षों के नीचे सिटिंग बेंच का निर्माण, शिवगंगा के दक्षिण पश्चिम कोने पर मल्टीपर्पस ओपन हॉल का निर्माण, धर्मशाला सह विवाह  स्थल, शिवगंगा में प्रतिमा लगाना तथा सौन्दर्यीकरण के कार्य की घोषणा की थी ।

इनमें से कई योजनाओं की खानापूर्ति की गई है, लेकिन समस्या बरकरार है और नदी में शिवगंगा का पानी निकालने की व्यवस्था नहीं है इसलिये पंप सेट से पानी निकालना पड़ा । इस बावत सिंहेशवर मंदिर न्यास समिति के प्रबंधक उदय कांत झा ने बताया कि नदी में पानी पहुंचाने की योजना फेल हो गई । संवेदक कार्य अधूरा छोड़ कर चला गया । वहीँ शिवगंगा के दलदल और उबड़ खाबर धरातल पर कहा कि पूर्व के ठेकेदार के द्वारा ही पोखर सफाई, समतलीकरण और शिवगंगा में बालू सिमेंट मिला कर डालने के बाद बालू देने की बात कही गई थी जो कार्य नहीं हो सके हैं ।
फिर से उद्धारक की बाट जोहने लगा सिंहेश्वर मंदिर का शिवगंगा, संवेदक ने कार्य अधूरा छोड़ा फिर से उद्धारक की बाट जोहने लगा सिंहेश्वर मंदिर का शिवगंगा, संवेदक ने कार्य अधूरा छोड़ा  Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 03, 2018 Rating: 5

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