
वर्षों से छात्र संघ
का चुनाव की माँग करने वाले छात्र नेताओं में से अधिकाँश कॊ फरवरी माह में ही होने
वाली चुनाव कॊ लेकर परेशानी साफ दिखी कि इंटर और फ़िर मैट्रिक की परीक्षाओँ के कारण
चुनाव प्रचार कैसे हो पायेगा । कुछ प्रतिनिधियों की एक बड़ी चिंता यह भी थी कि कालेज
और विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के बीच समय देने से कालेज प्रतिनिधियों की हॉर्स
ट्रेडिंग की आशंका है ।
मतदाता की नहीं प्रत्याशी
की है उम्र सीमा: बैठक में प्रति कुलपति
डॉ फारुख अली ने स्पष्ट किया कि सत्र 2015 -16,2016 -17 और 2017 -18 में स्नातक और स्नातकोत्तर में नामांकित छात्र ही मतदाता
होंगे । उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय ने छात्र संघ चुनाव की सम्भावित तिथि
घोषित की है । उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो छात्र उक्त सत्र में नामांकित हैं
और चाहे उनकी जो भी उम्र हो तो भी वे मतदाता तो होंगे लेकिन प्रत्याशी बनने के
लिये उम्र सीमा तय है । उन्होंने छात्रों की दलीलों कॊ गम्भीरतापूर्वक सुना और कहा
कि जो भी तकरीरें आपलोगों ने दी हैं उन्हें राजभवन भेज दी जायेगी । उन्होंने यह भी
कहा कि आज हमलोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती सत्र नियमित करने की है । लेकिन हमलोग
राजभवन के निर्देश के अनुसार छात्र संघ का चुनाव नियमानुसार करायेंगे ।
विभिन्न छात्र
संगठनों ने की चुनाव टालने की माँग: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और छात्र जाप के
अतिरिक्त अधिकाँश दलीय छात्र संगठनों ने मैट्रिक की परीक्षा के बाद चुनाव कराने की
माँग की । दलील यह थी कि एक तो व्यस्तता रहेगी और फ़िर कालेजों में परीक्षा केन्द्र
होने के कारण प्रचार कार्य में समस्या आयेगी । छात्र समागम के आमोद कुमार यादव ने
कहा कि हमारी तैयारी है लेकिन जो तिथियां निर्धारित हुई है वह व्यवहारिक नही है ।
ए आई एस एफ़ के हर्षवर्धन
सिंह राठौड़ ने तो कई सवाल उठाये । उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद गठित संघ का कार्य काल मात्र मई
माह तक रहेगी तो फ़िर तीन माह के लिये चुनाव कराने का क्या औचित्य है । उन्होंने
यह सवाल भी उठाया कि 75 प्रतिशत उपस्थिति किसी भी छात्र की पूरी नही होती है तो इस
नियम कॊ या तो हटाया जाय या फ़िर कड़ाई से लागू किया जाय, मजाक नही बनाया जाय ।
एन एस यू आई के
निशांत यादव ने फरवरी में छात्र संघ चुनाव कराये जाने का पुरजोर विरोध करते हुए
कहा कि अगर चुनाव कराया गया तो हमलोग आंदोलन करेंगे ।
विद्यार्थी परिषद
चुनाव कॊ ले तत्पर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के रंजन यादव चुनाव कॊ समय पर पूरा
करने के लिये तत्पर दिखे । लेकिन उन्होंने एक गौर तलब तथ्य यह रखा कि कालेज चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगी और विश्वविद्यालय
छात्र संघ चुनाव में कालेज से चुने गये विवि प्रतिनिधि मतदाता होंगे और विवि में
अप्रत्यक्ष प्रणाली से मतदान होगा तो दोनों चुनाव तिथियों के बीच कम समय दिया जाना
चाहिये । अगर अधिक समय मिला तो फ़िर प्रतिनिधि की खरीद फरोख्त की आशंका से इनकार
नही किया जा सकता है ।
बैठक में छात्र जाप
प्रतिनिधि रौशन कुमार बिट्टू की माँग थी कि जो शिक्षक किसी दल विशेष से जुड़े हैं
उन्हें चुनाव कार्य में नही लगाया जाय । एस एफ़ आई के सारंग तनय कॊ लिंगदोह समिति की इस अनुशंसा पर
आपत्ति थी कि प्राथमिकी के शिकार छात्र चुनाव नही लड़ सकते हैं ।उन्होंने अनेक कारणों से अभी चुनाव कराना अव्यवहारिक
करार दिया । छात्र लोक समता पार्टी के सौरभ कुमार और बिट्टू सहित अन्य कुल बारह
संगठनों के छात्र प्रतिनिधियों ने विचार व्यक्त किये । सहरसा से आये मोनू झा और पी
जी के माधव कुमार ने भी सुझाव दिये ।
इस अवसर पर संचालन
छात्र संकाय अध्यक्ष डॉ अनिल कान्त मिश्र ने की जबकि संकाय अध्यक्ष डॉ शिव मुनि
यादव ,डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, डॉ अशोक कुमार, डॉ सुधांशु कुमार आदि ने भी विचार व्यक्त
किये ।
मंडल विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव कॊ ले हुई बैठक, उठी कई आपत्तियाँ
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 02, 2018
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