केन्द्र
सरकार के नेशनल मेडिकल काउन्सिल कानून के विरूद्ध मे राष्ट्रीय आई एम ए के आह्वान
एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में मधेपुरा जिला आईएमए के आह्वान पर मंगलवार को
जिले के
सभी निजी क्लिनिक की ओपीडी सेवा ठ़प रही ।
मधेपुरा आईएमए के उपाध्यक्ष डाक्टर सच्चिदानंद यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि भारत सरकार नेशनल मेडिकल काउंसिल कानून ला रही है जो देश के काला कानून साबित होगा । उन्होने कहा कि इस कानून को लागू होने से किसी को मेडिकल कॉलेज खोलने मे किसी को अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी. इतना ही नहीं, इस कानून के तहत ऐलोपैथ चिकित्सक, आयूष आदि कोर्स को शामिल किया जा रहा है जो असंवैधानिक एवं जन विरोधी है। इस कानून के लागू होने पर इलाज पर जनता का खर्च वहन जायेगा । उन्होने कहा कि एलोपैथिक चिकित्सकों को आयूष और ब्रीज कोर्स मे शामिल होने से गुणवत्ता समाप्त हो जायेगी ।
आई
एम ए उपाध्यक्ष डॉ.
यादव ने कहा कि ऐलोपैथ चिकित्सा को आयूष करने से सरकार कारपोरेट घराने को
फायदा पहुंचाएगी ।
कहा कि इस कानून से मेडिकल कॉलेज मे 40 प्रतिशत
सीट सरकार की होगी और
60
प्रतिशत सीट कालेज प्रबन्धक का होगा जहां कालेज प्रबंधक
डोनेशन पर दाखिला लेगे और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा । उन्होने कहा कि जिला आई
एम ए राष्ट्रीय आईएम ए के निर्णय के चट्टानी एकता के साथ है ।
यदि सरकार इस कानून वापस नही
लेती है तो आई एम ए अनिश्चित कालीन
हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे ।
मालूम
हो कि नेशनल मेडिकल काउंसिल कानून के विरोध मे सभी निजी क्लिनिक में सुबह 6
से शाम 6 बजे
तक ओपीडी सेवा ठप्प रही जबकि
इमर्जेंसी सेवा चालू रही ।
प्रेस कॉन्फ्रेंस मे डॉ. डी के सिंह, डा. आलोक कुमार निरंजन, डॉ. नृपेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. बी एन भारती, डॉ.हरेन्द्र कुमार, डॉ. राजकिशोर आदि मौजूद थे ।
प्रेस कॉन्फ्रेंस मे डॉ. डी के सिंह, डा. आलोक कुमार निरंजन, डॉ. नृपेन्द्र कुमार सिंह, डॉ. बी एन भारती, डॉ.हरेन्द्र कुमार, डॉ. राजकिशोर आदि मौजूद थे ।
नेशनल मेडिकल काउंसिल कानून असंवैधानिक: आईएमए
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 02, 2018
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