मधेपुरा
जिले के अत्यंत चर्चित
मुरलीगंज के पड़वा नवटोल के
उप मुखिया हत्याकांड का पुलिस ने उद्भेदन
किया है और बताया कि गिरफ्तार अपराधी ने पूछताछ में पूरे मामला का खुलासा किया
है ।
मधेपुरा के सदर थाना में प्रभारी एसपी सह एएसपी
राजेश कुमार ने पत्रकारों को बताया कि
घटना को चुनौती मानते
हुए मधेपुरा एसपी
विकास कुमार ने एक एएसपी राजेश
कुमार के नेतृत्व
में एसआईटी टीम का गठन किया
जिसमें इंस्पेक्टर ज्योतिश सिन्हा, थानाध्यक्ष बी डी पंडित, अनि रामचन्द्र प्रसाद,सअनि बाबू विश्वकर्मा
को शामिल किया गया ।
टीम को जानकरी मिली कि घटना
में मनरेगा की राशि के लेन-देन
मे उप मुखिया संजय दास की हत्या हुई है, जिसकी पुष्टि मनरेगा के
बैंक एकाउंट से मिली और पूरी राशि
अम्बे सप्लाई एजेन्सी के नाम था ।
प्रभारी
एसपी राजेश कुमार ने कहा
कि फिर टीम ने हत्यारे तक पहुंचने के जांच शुरू की तो पुलिस ने हत्या के समय उप
मुखिया के साथ रहे उन दो लोगों चन्दन
दास और सिंटू कुमार को को
हिरासत में लिया
तो चन्दन ने पुलिस को पहले बरगलाने
की कोशिश की लेकिन बाद में कहा कि हत्यारे ने
हथियार का भय दिखाकर भगा दिया इसी कारण वह डर गया. चन्दन ने एक हत्यारे को पहचाना जिसका नाम
धीरेन्द्र यादव उर्फ टूना यादव था । प्रभारी
एसपी श्री कुमार ने बताया
कि टीम को गुप्त सूचना मिली कि धीरेन्द्र घटना के बाद अपने सुसराल संत नगर मे
छुपकर रह रहा है. पुलिस
ने संत नगर मे छापामारी कर धीरेन्द्र को गिरफ्तार किया ।
गिरफ्तार
धीरेन्द्र ने पहले तो पूछताछ
में पहले हत्या से इंकार किया लेकिन पुलिस की कड़ी पूछताछ मे जल्द टूट गया और
सारा मामला का सुलासा कर दिया जो काफी चौंकाने वाले थे. उन्होंने कहा कि
धीरेन्द्र ने बताया कि
हत्या के दिन बाजार मे चेतन सिंह और मुखिया पप्पू मंडल ने हमे पांच लोगों से मिलाया और उन्हें कहा
कि तुम इसे
उप मुखिया को पहचान करा दो.
हम सभी बांसबाड़ी
के निकट उप मुखिया का इंतजार कर रहे थे तभी उप मुखिया
दो अन्य के साथ आ रहे थे.
उसे उप मुखिया की पहचान करा दी गई. इसी क्रम मे एक अपराधी
ने बाइक के
पीछे झापर मारा और जैसे ही
पीछे वाला गिरा उन्होंने दोनो को हथियार दिखा भगा
दिया.
फिर उसके बाद फरसा
से उपमुखिया को काट दिया.
लेकिन हत्या मे शामिल उन पांच
अपराधी को नहीं पहचानते
हैं ।
एएसपी श्री कुमार ने कहा कि हत्या का कारण मनरेगा के दस
लाख रूपये का
लेन-देन था. मनरेगा
के सामानों की पूरी सप्लाई
चेतन सिंह के अम्बे
सप्लाई से किया करता था,
जिसमे उप मुखिया अपने कमीशन
के रूपया के लिए चेतन पर
दवाब देता
था जिसका विरोध चेतन कर रहा था. इसके
पूर्व मे भी चेतन इसी कारण उप मुखिया पर एक रंगदारी का केस किया था तथा दूसरी ओर मुखिया भी उप मुखिया की बढती लोकप्रियता
से परेशान थे.
इसी वजह से दोनो
ने मिलकर उप मुखिया को हटाने की साजिश रची ।
उन्होने
कहा कि चेतन सिंह को पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. गिरफ्तार धीरेन्द्र का न्यायालय मे 164
मे बयान
दर्ज करा लिया गया है । हत्या में शामिल अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए
लगातार छापामारी की जा रही है ।
उप मुखिया हत्याकांड का खुलासा, मुखिया व सप्लाईकर्ता ने दी थी अपराधियों को सुपारी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 17, 2017
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