कहते हैं ये उत्तर बिहार में किसी के दरवाजे की ये एकमात्र शान थी एक मात्र
हाथी होने के कारण उसका महत्व इतना था कि उसकी शाही सवारी को लेकर लोगों में कौतूहल
व्याप्त रहता था.
इस हाथी की मांग इतनी अधिक थी कि क्षेत्र में आने वाले बड़े से बड़े राजनेता, आध्यात्मिक गुरू और अन्य में उनकी सवारी करने की यदि ललक
रहती थी तो यहाँ आकर पूरी होती थी. इस 62 वर्षीय गजराज हाथी की मौत शनिवार को ईलाज के दौरान मधेपुरा
जिले के आलमनगर प्रखंड के खुरहान गाँव में हो गई.
यह गजराज हाथी जिला के प्रमुख धरोहर में एक था. इसके स्वामी रामचन्द्र सिंह
इसे वर्ष 1975 ई0 में सिंहेश्वर मेला से खरीद कर लाये थे और बड़े लार-प्यार
से इसका लालन पालन करते थे । कहते थे कि इस गजराज में अनेक खूबियाँ थीं. स्थानीय
लोगों का कहना था कि महर्षि मेहीं परमहंस जी महाराज एक बार भ्रमण करते-करते खुरहान
गाँव पहुंचे थे जहाँ उनकी नजर इस हाथी पर पड़ी तो उन्होने हाथी के स्वामी रामचन्द्र
सिंह को कहा था कि यह हाथी जगमुखा हाथी है, इसे आप कभी नहीं बेचेंगें. उसी दिन से
हाथी का नाम गजराज रह गया जिसके बाद इसे खरीदने आये लोगों ने तो इसकी कीमत करोड़ तक
लगाई परन्तु हाथी प्रेम से ओत प्रोत होने की वजह से हाथी को नहीं बेचा गया ।
इस गजराज हाथी के निधन से पूरे इलाके में शोक की लहर व्याप्त है । मौत की
सूचना मिलते ही हजारों लोगों हाथी के अन्तिम दर्शन के लिए स्थल की ओर निकल पड़े
जिससे दिन भर लोगों का ताँता लगा रहा. वहीं स्थानीय विद्यायक नरेन्द्र नारायण यादव
ने शोक प्रकट करते हुए कहा कि इस इलाके का अंतिम धरोहर यह हाथी था जो आज चल बसा.
अब हाथी देखने के लिए चिड़ियाँघर ही जाना होगा ।
हाथी के निधन पर इलाके के राजनेता,
सामाजिक एवं बुद्धिजीवियों ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है. जिसमें आर के जे एल
महाविद्यालय खुरहान के प्राचार्य प्रभात कुमार सिंह, कुन्दन किशोर सिंह, भाजपा नेता अखिलेश सिंह, जदयू के जिला प्रधान महा सचिव चन्द्रशेखर सिंह, जदयू श्रमिक प्रकोष्ट के जिलाअध्यक्ष संजय कुमार सिंह, राजद के वरिष्ट नेता रमेश कुमार रमण, राजद के प्रखंड अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह, सुशील सिंह, काँग्रेस के रामावतार चौधरी, तपन कुमार सिंह, संजय सिंह, शिवम कुमार सिंह, प्रभाकर सिंह, सुनील कुमार सिंह, पूर्व मुखिया लव कुमार सिंह, डा0 अनुराग अमिताभ, डा0 सिद्वार्थ सहित अन्य लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है ।
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण)
इलाके की शान 62 वर्षीय गजराज की मौत: अंतिम दर्शन को उमड़ा लोगों का हुजूम
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 30, 2017
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