बिहार में सूबे की सरकार
विकासात्मक योजनाओं को सर जमीन पर उतारने के लिए कटिबद्ध होने की बात कर रही है।
सुपौल जिले में सड़क निर्माण कार्य, बिजली, शौचालय, इंदिरा आवास, पुल और पुलिया तीव्र गति से बनाए जा रहे हैं।
सुपौल जिले में सड़क निर्माण कार्य, बिजली, शौचालय, इंदिरा आवास, पुल और पुलिया तीव्र गति से बनाए जा रहे हैं।
वहीं जिले में एक
ऐसा भी पंचायत है जहां 40 वर्षों से लोग एक अदद पुल की बाट जोह रहे हैं। मामला सुपौल
जिले के बलुआ पंचायत का है जहां पंचायत के वार्ड नंबर 1 में पिछले 40 वर्षों से लोग ढाई फीट चैड़ी पुल होकर गुजरते है जो यहां के
लोगों का एक मात्र रास्ता है।
कोसी नदी के कटैया
पावर हाउस से निकलकर नहर पर इस पुलिया का निर्माण किया गया,
यह पुलिया जिले के दो प्रखंड बसन्तपुर और छातापुर को जोड़ती
है।
बता दें कि छातापुर
प्रखंड में निवासित लोगों का खेतीहर भूमि बसंतपुर प्रखंड क्षेत्र में है। जहां के
किसान प्रतिदिन इस मार्ग से गुजरते हैं। जिन्हें र्दुघटना की संभावना बनी रहती है।
स्थानीय लोग बताते
हैं कि पुल के नीचे कई लोग दुर्घटना के शिकार हुए हैं। वहीं कई पशुओं की गिरकर मौत
हो गई है। कई विधायक और सांसद ने पुल को देखा चुनाव के समय सभी ने आश्वासन मात्र
दिया चुनाव बीत जाने के बाद किसी विधायक या सांसद ने दुबारा लौट कर आने की जरूरत
नही समझी है। इस ढाई फीट के चैड़ी पुल मार्ग से होकर लगभग हजार लोग प्रतिदिन आते और
जाते है। दुर्घटना होती है। लोगो ने इस दुर्घटना को अपनी जीवनशैली में डाल लिया है।
इस पुल के निर्माण
के लिए लोगों ने सिंचाई मंत्री को भी पत्र लिखा। मंत्री के आश्वासन पर डीपीआर भी
वर्षो पहले तैयार किया जा चुका था लेकिन दुर्घटनाये होती रही,
पशु मरते रहे पुल नही बन सका।
40 वर्षों से जर्जर यह पुल
अब तक तो नहीं बन सका है। अब देखने वाली बात होगी कि विधायक और सांसद के वादों के
बाद कब इस पुल का निर्माण कराया जा सके.
ढाई फीट चौड़े पुल के रास्ते से 40 वर्षों से चलने को विवश हैं लोग, दुर्घटना की आशंका
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 23, 2017
Rating:
