मधेपुरा जिले के कुमारखंड में डाक्टर की लापरवाही के कारण नवजात बच्ची की मौत होने
के कारण आक्रोशित लोगों ने एसएच 91 को जाम कर घंटो बवाल काटा ।
जानकारी के अनुसार सामुदायिक
स्वास्थ्य केंद्र कुमारखंड में चिकित्सक के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण साढ़े
न घंटे के अंदर ही नवजात बच्ची की मौत हो गई ।
आक्रोशित लोगों ने अस्पताल के समक्ष
एसएच 91को दो घंटे तक जाम
कर जमकर बवाल काटा । बाद में कुमारखंड थानाध्यक्ष सुबोध कुमार यादव ने लोगों की समस्या
को सुना और कार्रवाई के लिए आगे भेजने की बात पर रोड जाम को समाप्त कराया ।
मालूम हो कुमारखंड प्रखंड के विशनपुर सुन्दर पंचायत के सतबेर कुपारी वार्ड
नंबर 12
निवासी रेणु देवी को रविवार की संध्या में प्रसव-पीड़ा होने
आनन फानन में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया । सीएचसी में एएनएम सुशीला देवी के सहारे
तकरीबन रात एक बजे रेणु देवी ने एक बच्ची को जन्म दिया । जन्म के बाद नवजात शिशु
को सांस लेने में तकलीफ होने लगी । मरीज चिकित्सक
की खोज करते रहे । ड्यूटी पर तैनात एमबीबीएस डाक्टर मो. अली नही मिले । मरीज के
परिजन परेशान रहे मगर धरती के भगवान आखिर नहीं ही मिले । जिसके कारण अस्पताल में
मौजूद पर्याप्त आक्सीजन का उपयोग उस बच्चे पर नही किया जा सका न ही विधिवत
चिकित्सा ही किया जा सका । बताया जाता है कि जिसके कारण उसकी मौत हो गई ।
मरीज के परिजन का कहना है अगर चिकित्सक अस्पताल में चिकित्सक रहते तो ईलाज के
अभाव में बच्ची की मौत नही होती उसे बेहतर चिकित्सा के लिए रेफर भी किया जा सकता था । हालांकि कुछ देर से ही सही एएनएम
सुशील देवी ने मौखिक रूप से नवजात शिशु को सदर अस्पताल मधेपुरा ले जाने का सलाह तो
दिया । परन्तु एम्बुलेंस कर्मी पर परिजनों के रूदन का कोई असर नहीं हुआ और जाने से
साफ साफ इंकार कर दिया ।
सोमवार की सुबह जब स्थानीय लोगों
को उक्त घटना की सूचना मिली
तो पीडित परिजनों के साथ मिलकर सुबह सात बजे रोड जाम कर दिया । प्रभारी
चिकित्सा पदाधिकारी डाक्टर वेद प्रकाश
गुप्ता ने बताया कि ड्यूटी से गायब चिकित्सक डा. मोहम्मद अली को शोकाॅज
नोटिस भेजा गया । जिसे उन्होंने लेने से
इंकार कर दिया और नोटिस लेकर गये कर्मचारी से ही गाली-गलौज करने लगा ।
वहीं डा. मोहम्मद अली ने संवाददाता को बताया कि सभी चिकित्सक अक्सर डयूटी से
गायब रहते हैं । रात में मै भी आयुष चिकित्सक डा. धनंजय के आवास पर ही सोए हुए थे । कोई कर्मी लेटर
लेकर आता तो मैं वही पर दस्तखत कर रेफर कर देता । सवाल बड़ा है और सरकारी अस्पताल
की ऐसी व्यवस्था सूबे की सरकार के माथे पर कलंक जैसा है. आखिर कब तक बिहार की ऐसी चिकित्सा
व्यवस्था के कारण मरीजों की जान जाती रहेगी ?
चिकित्सक के ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण नवजात बच्ची की मौत, हंगामा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 13, 2017
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