भूगोल बदलकर इतिहास बनाती है कोसी: बाढ़ से सम्बंधित अबतक की ताजा रिपोर्ट

सुपौल समेत कोसी के अन्य जिले के विभिन्न इलाके में लगातार हो रही बारिश की वजह से चारों और पानी ही पानी दिख रहा है। चारों और पानी के जमा होने के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।

बारिश का पानी और उफनती कोसी ने इलाके के लोगों के बीच हाहाकार मचा दिया है। 

शहरी क्षेत्रों में घुसा बाढ़ का पानी: बसंतपुर प्रखंड के भीमनगर एवं वीरपुर बाजार एवं निर्मली प्रखंड के निर्मली बाजार एवं मरौना प्रखंड मुख्यालय क्षेत्र में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जिस कारण शहरी इलाके के लोगों को भी भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ की पानी की वजह से प्रभावित इलाके में बिजली की भी आंख मिचैनी का खेल जा रही है। जिस कारण लोगों के बीच पीने का पानी और बिजली संचालित यंत्र के उपभोग में परेशानी झेलनी पड़ रही है।

भूगोल बदलकर इतिहास बनाती है कोसी: हर वर्ष कोसी इलाके में तबाही मचाती है। चारों और लहलाते फसल की हरियाली जहां दिखती थी, आज वहां पानी ही पानी है। वहीं जिस बस्ती में बच्चों की किलकारी से बस्ती गूंजती रहती थी, वहां पानी और बालू के ढेर जमा है। प्रभावित इलाके के लोगों का कहना है कि हर कोसी तबाही मचाते चली जाती है। इलाके के भूगोल को बदलकर नया इतिहास बना देती है।

कुनौली बॉर्डर  हुआ जलमग्न: कुनौली बॉर्डर के समीप खारो, तिलयुगा और जीता नदी में आई उफान के बाद नदी का पानी ने बैरिया घाट के समीप सुरक्षा बांध को विभक्त कर दिया है। जिसके बाद कुनौली, डगमारा एवं कमलपुर गावं जलमग्न हो गया है। वहीं एसएसबी कैंप व कोसी प्रोजेक्ट कॉलोनी भी जलमग्न है। एसएसबी के जवान व कोसी प्रोजेक्ट के कर्मचारी एवं स्थानीय लोग नजदीक के उच्च विद्यालय कुनौली, कन्या मध्य विद्यालय कुनौली एवं प्राथमिक विद्यालय कुनौली में शरण लिये हुए है। जहां सरकारी सुविधाओं की खानापूर्ति की जा रही है। सरकारी सुविधा नाकाफी होने की वजह से लोगों में आक्रोश का माहौल दिख रहा है।
इलाके में बाढ के पानी की तेज धारा बह रही है। जहां हजारों एकड़ में लगे धान की फसल पानी की भेंट चुका है। मनरेगा के तहत डगमारा पंचायत स्थित वार्ड नंबर 16 एवं 17 में बनाये गये सुरक्षा बांध पर भी कोसी का दबाव दिख रहा है। जहां वार्डवासी स्वयं बाढ निरोधी कार्य में लगे हुए हैं। वहीं इंडो- नेपाल, कुनौली- निर्मली का संपर्क टूट गया है। प्रभावित इलाके में नाव ही एकमात्र सहारा बचा है।  
डिस्चार्ज मिलने में हो रही है देरी: कोसी के उफान के समय इलाके के लोगों की नजर हमेशा बराज और बराह क्षेत्र के डिस्चार्ज पर ही टिकी रहती है। ऐसे में समय से डिस्चार्ज नहीं मिलने से लोगों काफी संशकित हो जाते हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी?: इस बाबत जल संसाधन विभाग कोसी के मुख्य अभियंता प्रकाश दास ने बताया कि हो रही तेज बारिश की वजह से नेटवर्क की समस्या हो रही है। जिस कारण डिस्चार्ज का संदेश भेजने में देरी हो रही है। उन्होंने बताया कि रविवार की दोपहर 12 बजे कोसी का डिस्चार्ज बराज पर 02 लाख 67 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया जो घटते क्रम में है। वहीं बराह क्षेत्र का डिस्चार्ज 02 लाख 06 हजार क्यूसेक है, जो घटते क्रम में है। चीफ इंजीनियर ने बताया कि तटबंध सुरक्षित है, दबाव वाले बिंदुओं पर युद्ध स्तर पर बाढ़ निरोधी कार्य किये जा रहे हैं ।
भूगोल बदलकर इतिहास बनाती है कोसी: बाढ़ से सम्बंधित अबतक की ताजा रिपोर्ट भूगोल बदलकर इतिहास बनाती है कोसी: बाढ़ से सम्बंधित अबतक की ताजा रिपोर्ट Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 13, 2017 Rating: 5
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