मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड जोरगामा पंचायत के वार्ड नंबर 6 में बने बाढ़ आश्रय स्थल
पर लगभग 200 परिवार चारों तरफ पानी से घिरे रहने के कारण
फंसे हुए हैं ।
उनके खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश बना हुआ है । लोगों में प्रशासन की उदासीनता को लेकर काफी असंतोष व्याप्त है । लोगों ने स्थानीय प्रशासन को इस बात के लिए काफी कोसा । छोटे-छोटे बच्चे भूख से बिलखते नजर आ रहे थें । घरों के छोटे-छोटे बर्तन पानी में बह जाने की बात भी उन लोगों ने बताया । अनाज-पानी सब डूब जाने के कारण खाने का कोई भी साधन इन लोगों के पास उपलब्ध नहीं हैं । बूढ़े और बच्चे बीमार पड़े थे । दवा की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी । ग्रामीणों ने भूतपूर्व मुखिया मिथलेश रॉय वहाँ मौजूद थे । लोग प्रशासन से आवागमन के लिए नाव की मांग कर रहे हैं । लोगों ने कहा कि हम लोग आज चार दिनों से बाढ़ में घिरे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि सांसद और यहां के स्थानीय विधायक तक हम लोगों की सुधि लेने के लिए नहीं आए हैं । यहाँ भूख से मरने की नौबत आ गई । ग्रामीणों ने बताया कि यहाँ और अधिक पानी बढ़ने के बाद हम लोग चारों तरफ से घिर चुके हैं । यहाँ न पीने के लिए पानी की व्यवस्था है और न ही लाइट की व्यवस्था है । देखा जाए तो हर जगह छोटे-छोटे बच्चे दाने के लिए बिलख रहे हैं । ग्रामीणों ने कहा कि जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक को सिर्फ सड़क किनारे बाढ़ से घिरे लोग ही नजर आते हैं, जबकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कोई सुधी नहीं ली जा रही है । रात के अंधेरे में खौफ के साये में हम लोग जीते हैं । अगर कल तक हम लोगों के लिए भोजन-पान एवं दवाई की व्यवस्था नहीं हुई तो लोगों की मौतें होनी शुरु हो जाएगी ।
उनके खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीणों में काफी आक्रोश बना हुआ है । लोगों में प्रशासन की उदासीनता को लेकर काफी असंतोष व्याप्त है । लोगों ने स्थानीय प्रशासन को इस बात के लिए काफी कोसा । छोटे-छोटे बच्चे भूख से बिलखते नजर आ रहे थें । घरों के छोटे-छोटे बर्तन पानी में बह जाने की बात भी उन लोगों ने बताया । अनाज-पानी सब डूब जाने के कारण खाने का कोई भी साधन इन लोगों के पास उपलब्ध नहीं हैं । बूढ़े और बच्चे बीमार पड़े थे । दवा की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी । ग्रामीणों ने भूतपूर्व मुखिया मिथलेश रॉय वहाँ मौजूद थे । लोग प्रशासन से आवागमन के लिए नाव की मांग कर रहे हैं । लोगों ने कहा कि हम लोग आज चार दिनों से बाढ़ में घिरे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधि सांसद और यहां के स्थानीय विधायक तक हम लोगों की सुधि लेने के लिए नहीं आए हैं । यहाँ भूख से मरने की नौबत आ गई । ग्रामीणों ने बताया कि यहाँ और अधिक पानी बढ़ने के बाद हम लोग चारों तरफ से घिर चुके हैं । यहाँ न पीने के लिए पानी की व्यवस्था है और न ही लाइट की व्यवस्था है । देखा जाए तो हर जगह छोटे-छोटे बच्चे दाने के लिए बिलख रहे हैं । ग्रामीणों ने कहा कि जिला प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक को सिर्फ सड़क किनारे बाढ़ से घिरे लोग ही नजर आते हैं, जबकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कोई सुधी नहीं ली जा रही है । रात के अंधेरे में खौफ के साये में हम लोग जीते हैं । अगर कल तक हम लोगों के लिए भोजन-पान एवं दवाई की व्यवस्था नहीं हुई तो लोगों की मौतें होनी शुरु हो जाएगी ।
मधेपुरा: बाढ़ आश्रय स्थल पर फंसे लगभग 200 परिवार, भूख से बिलख रहे बच्चे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 17, 2017
Rating:
