सुपौल। नेपाल के तराई क्षेत्र एवं भारतीय प्रक्षेत्र में लागातार हो रही बारिश
से कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। कोसी नदी में जल स्तर के
वृद्धि के साथ ही कोसीवासियों का जीवन पानी और नाव के बीच चल रहा है।
कोसी के आक्रामक
होने बाद पूर्वी तटबंध के कई बिंदुओं पर दबाव बढ़ गया है। पश्चिमी तटबंध के मझारी
के समीप 08 किलोमीटर पर कटाव तेज हो गया है। जहां फ्लड फाइटिंग का कार्य युद्ध स्तर पर
जारी है। शनिवार को 10 बजे सुबह बराज पर कोसी का डिस्चार्ज 02 लाख 81 हजार 955 क्यूसेक दर्ज किया गया। वही जल अधिग्रहण क्षेत्र बराह में 01 लाख 99 हजार 500 क्यूसेक दर्ज किया गया,
जो बढ़ते क्रम में है।
सिसोनी छीट बस्ती कोसी में समाहित: मरौना प्रखंड स्थित सिसोनी छीट बस्ती में
कई दिनों कटाव जारी था। शनिवार को कोसी नदी में अप्रत्याशित जल वृद्धि के साथ कटाव
तेज हो गया और देखते ही देखते 160 घरों को कोसी ने अपने आगोश में समा लिया। सिसौनी छीट के
पीड़ित परिवार उंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं। हालांकि सिसौनी गांव में प्रशासन
ने बाढ़ राहत कैंप भी लगा दिया है, लेकिन पर्याप्त सुविधा नहीं रहने के कारण पीड़ित परिवार अपने
सगा संबंधी के घरों की और पलायन करना शुरू कर दिया है।
सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद: सदर प्रखंड के बलबा,
परियाही, नकटा सितुहर किशनपुर प्रखंड के बौरहा,
एकडेरा, कुपहा, परसामाधा, बैंगा निर्मली प्रखंड के लक्ष्मीनियां,
पीपरपांती, लौकहा एवं मौरा
मरौना प्रखंड के सिसौनी, जोबहा,
अमीन टोला, खुखनाहा, बेला, बरहड़ा एवं घोंघरड़िया सरायगढ- भपटियाही प्रखंड के बनैनिया,
भूलिया, टकिया, सनपतहा, लगुनिया सहित दर्जनों गांव में नदी की तेज धारा बह रही है।
प्रभावित किसानों की सैकड़ों एकड़ खेत में लगी फसल जहां कल लहलहाते दिख रहे थे,
वहां नदी का पानी ही पानी दिख रहा है।
सरकारी नाव है नाकाफी: बाढ प्रभावित की संख्या के आगे प्रशासन द्वारा बहाल
किये गये नाव उॅंट के मुंह में जीरा की कहावत को चरितार्थ कर रही है। प्रभावित
लोगों के बीच इतना भागमभाग की स्थिति देखने को मिल रही है कि वह जान जोखिम नें डाल
कर निजी नाव के सहारे उंचे स्थानों की और शरण ले रहे हैं।
किसनपुर अंचलाधिकारी अजित कुमार लाल ने बताया कि प्रभावित इलाके में अब तक 40 सरकारी नाव व 09 निजी नाव बहाल की गई है। सरायगढ-भपटियाही सीओ शरत कुमार
मंडल ने बताया कि सुरक्षा बांध पूरी तरह सुरक्षित है। बीडीओ वीरेंद्र कुमार ने
बताया कि अति संवेदनशील स्परों पर होमगार्ड की तैनाती की गई है।
वहीं मुख्य अभियंता प्रकाश दास ने बताया कि सिकरहटा मझारी बांध पर कोसी आक्रमक
हो गई है। जहां युद्ध स्तर पर कार्य कराया जा रहा है
।
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कोसी हुई आक्रामक, लोगों की बढ़ी मुश्किलें
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 12, 2017
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