मधेपुरा में बाढ़
की स्थिति में अधिकांश जगह सुधार है और जहाँ कुछ इलाकों में लोगों ने राहत की साँस ली तो वहीँ उदाकिशुनंज अनुमंडल के कई इलाकों में नदियों की जलस्तर में कोई ख़ास
कमी नहीं नजर आ रही है.
जिले के 09
प्रखंड अब भी है पूरी तरह प्रभावित. जिला प्रशासन के मुताबिक जिले में 24 राहत
शिविर कैम्प चल रहा है और बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद जारी है. बाढ़ के कारण जिले
में हजारों एकड़ से अधिक धान फसल की भी भारी बर्बादी हुई है. किसानों में हाहाकार मचा
है. वहीँ कहीं चारा को लेकर पशुपालक परेशान हैं तो कहीं बाढ़ के कारण जिले में मत्स्य
पालकों की स्थिति खस्ताहाल है. धरातल पर पशु और तालाब में दाने-दाने को मुहताज हैं.
आज भी कई जिले में सड़क संपर्क हैं जिसके कारण बाहर से मछली का चारा नहीं आ पा रहा
है.
ज्ञात हो कि
वर्ष 2008 में आयी प्रलंयकारी बाढ़ के कहर से जिले में लोग उबरे भी नहीं थे कि फिर से
आई बाढ़ की तबाही ने लोगों की कमर ही तोड़ डाली. इधर जिले में डीएम मो. सोहैल लगातार
अपने दलबल के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और लोगों को हर संभव
मदद पहुंचाने का प्रयास भी जरुर कर रहे हैं. बहरहाल डीएम मो.सोहैल ने मधेपुरा के
मुरलीगंज बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर प्रखंड मुख्यालय स्थित एसडीएम संजय
कुमार निराला और बीडीओ ललन चौधरी समेत कई अधिकारियों से वार्तालाप की. डीएम ने
अधिकारियों को कई अहम् निर्देश दिए और कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल
सर्वे करवाकर गृह क्षतिपूर्ति एवं फसल क्षतिपूर्ति मुआवजे का वितरण करें.
बता दें कि जिले
में बाढ़ की तबाही झेल रहे सैकड़ों लोगों की कच्चे व पक्के मकान ध्वस्त हो गए हैं. साथ
ही धान की लहलहाती हजारों एकड़ से ज्यादा फसल भी बर्बाद हो चुके हैं. बाढ़ पीड़ितों व
किसानों के द्वारा लगातार हो रहे हंगामा के मद्देनजर जिले में डीएम ने तत्काल राहत
सामग्री के अलावे गृह क्षतिपूर्ति एवं फसल क्षतिपूर्ति हेतु जिले में कैम्प लगाकर
मुआवजे का वितरण कार्य प्रारंभ करने का आदेश निर्गत कर दिया है.
इस बाबत डीएम
मो. सोहैल ने मधेपुरा टाइम्स को बताया कि गुरूवार से जिले के विभिन्न बाढ़ प्रभावित
इलाकों में कैम्प लगाकर सर्वे के आधार पर फसल क्षतिपूर्ति एवं गृह क्षतिपूर्ति
मुवावजे का वितरण किया जाएगा ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों को खासे राहत मिल सके. एक
तरफ जहाँ जिले में बाढ़ की तबाही से लोगों थोड़ी राहत मिली है, वहीँ अब जिले में
महामारी जैसे डायरिया अपना पांव पसारना प्रारंभ कर दिया है. जहाँ बाढ़ के पानी में
डूबने से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है वहीँ डायरिया से भी अब तक दो लोगों की
मौत हो चुकी है. डायरिया के मद्देनजर डीएम मो.सोहैल ने जिले के सिविल सर्जन समेत
कई प्रखंडों के स्वाश्थ्य प्रभारी से तत्काल रिपोर्ट माँगा है. रिपोर्ट के आधार पर
हो सकता है जिले में छोटी-छोटी मछली मारने वालों पर धारा 144 लगाया जा सकता है
जिससे डायरिया महामारी पर तत्काल रोक लग सके.
बता दें कि इससे
पहले मधेपुरा के जिलाधिकारी ने जल क्रीड़ा करने वालों पर भी धारा 144 दंड प्रक्रिया
संहिता के तहत रोक लगाया है जिसे जान माल की सुरक्षा हेतु नियमों का सदुपयोग और अत्यंत
सराहनीय कदम कहा जा रहा है.
बाढ़ की तबाही के बाद अब जिले में पांव पसार रहा है डायरिया: दो की मौत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 24, 2017
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