मधेपुरा जिला मुख्यालय से सटे
सुखासन पुल पर खतरा बढ़ता ही जा रहा है । यह खतरा नदी के बढ़
रहे जल से नहीं है। पुराने जर्जर स्क्रूपाइल पुल के बदले यहाँ नया पुल निर्माणाधीन है और पीपा पुल आवागमन
चालू रखने के लिये अभी हाल में ही बनाया गया है ।
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पीपा पुल का पहुँच पथ
वर्षा में रेनकट के कारण और फ़िर बीच पुल में दरार के कारण आवागमन के लायक नही रह गया है
। उधर स्क्रू पाइल पुल इन दिनों जलकुम्भी
के चपेट में है । यहाँ मुश्किल यह है कि पीपा पुल और निर्माणाधीन पुल के कारण के
कारण जलकुम्भी स्वतः बहकर निकल नही पा रही है । लिहाजा पुल पर दवाब बढ़ रहा है ।
अनुभवी लोगों का कहना है
कि अभी नदी का जल नही बढ़ा है तो पुल पर दवाब कम है, नदी जल बढ़ते ही स्क्रूपाइल पुल का धाराशाई होना तय है । इसके
बचाव के लिये जलकुम्भी कॊ हटाना या फ़िर पीपा पुल की बाधा कॊ हटाना ज़रूरी है । लेकिन विभाग कुछ नही
कर रही है । इसका दुष्परिणाम यह होगा कि पुराना स्क्रू पाईल पुल अचानक टूट जायेगा और सुखासन सहित सहरसा
जिले के पतरघट और सोनबरसा प्रखंड का सड़क संपर्क समाप्त हो जाएगा ।
सुखासन पीपा पुल पर आवागमन बंद, पुराना पुल भी जलकुम्भी ग्रस्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 11, 2017
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