‘जाको राखे साईयाँ....’: और दफनाने के समय बच्चा जी उठा, गाँव में उत्सवी माहौल

जाको राखे साईयाँ मार सके ना कोईबाल न बाका कर सके ज्यो डाक्टर बैरी हो जी हां, यह कारनामा सिहेंश्वर प्रखंड के दुलार पीपराही पंचायत में हुआ है। जब चिकित्सकों ने बच्चे को मरा हुआ बताया और घर वाले उसे लेकर घर आने पर दफनाने के दरम्यान बच्चा जीवित हो उठा ।


परिजनों के चेहरे पर फैला मातम खुशियों में तब्दील हो गई । जिधर देखिये उधर ही मृत नवजात शिशु के जिंदा होने की घटना को ईश्वर का चमत्कार मान कर मिठाई बाँट  रहे हैं । गाव में उत्सवी माहौल हो गया है । उसके घर पर भजन कीर्तन शुरू हो गया है।

जानकारी के अनुसार दुलार निवासी चंदन कुमार मंडल की पत्नी सरिता देवी को दो पुत्री के बाद बुधवार को प्रसव के लिए पीएचसी सिंहेश्वर में भर्ती किया गया और उसी दिन उसने एक सुंदर लडके को जन्म दिया । परिवार के सदस्यों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा की दो पुत्री पर पुत्र जन्म हुआ है । लेकिन उसकी खुशी उस समय काफूर हो गई जब पीएचसी के चिकित्सकों ने बेहतर ईलाज के लिए मधेपुरा भेज दिया । लेकिन परिजन उसे एक निजी क्लिनिक में ले गए जहाँ 5 घंटे के बाद चिकित्सक ने सहरसा रेफर कर दिया । गुरूवार से ही सहरसा के गांधी पथ के एक नामी निजी क्लिनिक में बच्चे को भर्ती कराया । लेकिन उस क्लिनिक के कथित भगवान ने शुक्रवार को 4 बजे उस नवजात शिशु को मृत घोषित कर परिवार को सौंप दिया । उदास परिवार अपने घर पहुंच कर बच्चे को दफनाने के लिए गढ्ढा खोद कर डालने वाले ही थे कि बच्चे के पैर की हरकत घंटों सीने से लगाए मां को महसूस हुई । फिर क्या था लोगों ने कपड़ा हटा कर देखा तो पूरा गाँव खुशी से झूम उठा है । 
‘जाको राखे साईयाँ....’: और दफनाने के समय बच्चा जी उठा, गाँव में उत्सवी माहौल ‘जाको राखे साईयाँ....’: और दफनाने के समय बच्चा जी उठा, गाँव में उत्सवी माहौल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 27, 2017 Rating: 5
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