

वहां के
शाखा प्रबंधक लखनलाल रजक ने बताया कि स्थिति हमारे यहां सामान्य है, क्योंकि लोग आते हैं और जब उन्हें जानकारी मिलती है कि 24 हजार रुपया 1 सप्ताह में ही उठा सकते हैं तो फिर वह वापस लौट जाते हैं. ऐसे में भीड़ कम होना लाजमी है. उन्होंने बताया कि हमें सिर्फ 2000 100, 50, और 10 के नए नोट मिले हैं और बहुत ज्यादा पुराने नोट हैं, उसी से काम चल रहा है. 500 के नोट सिर्फ एक दिन बैंक में आए थे वह भी एक लाख नहीं थे जो एक ही दिन में खत्म हो गए. लोग छोटे नोट के लिए अवश्य आते हैं. वैसे 2000 के नोट अभी पर्याप्त हैं.
मुरलीगंज गोल बाजार स्थित भारतीय स्टेट बैंक में आज भी पूर्व के दिनों की तरह ही काफी भीड़ थी. शाखा प्रबंधक योगी पासवान छुट्टी पर थे.
सिर्फ 2 कर्मचारियों के भरोसे बैंक का कार्य चल रहा था. पूछने पर पता चला कि दो कर्मचारी बीमार चल रहे हैं और छुट्टी पर हैं. ऐसे में बैंक के भीतर काफी गहमागहमी की स्थिति थी. लोग लाइन में खड़े परेशान नजर आ रहे थे. मुरलीगंज स्थित सेंट्रल बैंक की स्थिति भी बहुत ज्यादा अच्छी नहीं थी. वहां के शाखा प्रबंधक आनंद कुमार ने बताया कि हम क्या कर
सकते हैं. हमारे यहाँ अभी तक पूर्व जैसी स्थिति चल रही है. हमारे पास 2000 के बड़े नोट हैं, पर लोगों की मांग 500 के नोटों की ज्यादा है. 100, 50 और 10 के पुराने नोटों को लेकर हम किसी तरह काम चला रहे हैं. लोग दो हजार के नोटों को छोड़कर 500 और 1000 के नोटों की डिमांड ज्यादा कर रहे हैं.

मुरलीगंज हॉट रोड अवस्थित केनरा बैंक के शाखा प्रबंधक ने बताया कि नोट पर्याप्त हैं पर आरबीआई के लिमिट के अनुसार लोग आते हैं और जब उन्हें पता चलता है कि अब उन्हें 24000 के बाद अब वे अगले हफ्ते ही पैसा निकल सकते हैं तो मुंह लटकाए लौट जाते हैं. शायद उनके उनके चेहरे की परेशानी और झल्लाहट बताती है कि नोट बंदी से वह कितने परेशान है.
मुरलीगंज एस एच 107 पर अवस्थित बैंक ऑफ इंडिया मे स्थिति सामान्य थी. नीचे अवस्थित एटीएम आज खुली थी पर सिर्फ 2000 और 100 के नोट दे रही थी. कुछ घंटे ही चलने के बाद वह भी पैसे खाली होने का बोर्ड ‘नो कैश’ लगा दिया गया. कुछ कदम पर स्टेट बैंक के ए टी एम में भारी भीड़ सड़कों पर लाइन में होकर ‘कोई बात नहीं भाइयों बहनों’ कहकर
चुटकी ले रहे थे.
केंद्र सरकार के इस निर्णय से सबसे बड़ा असर फिलहाल आम लोगों पर पड़ा है.
लोग घर में रखे जमा रकम को बैंक में डिपॉजिट करा रहे हैं और
सुबह से लेकर शाम तक बैंकों के बाहर लंबी कतार में वक्त गुजार रहे हैं. बैकों के पास पर्याप्त मात्रा में कैश जमा हो रहा है पर असंगठित क्षेत्रों मसलन लघु उद्योग में हलचल मच गई है. बड़ी करेंसी बंद हो जाने से काम प्रभावित हो रहा है. हालांकि, कैश मुहैया होने के बाद इस समस्या से मुक्ति मिल जाएगी
और धीरे-धीरे शायद इसका असर भी सकारात्मक तौर पर दिखने लगेगा. हालांकि, दिहाड़ी मज़दूरों की दिनचर्या पूरी तरह से चरमरा गई है.
इस बीच नोट बंद का प्रभाव मधेपुरा जिले के स्कूलों में जारी मिड-डे-मिल पर इसका काफी प्रभाव पड़ा है. नोट के अभाव में विभिन्न स्कूलों में यह परियोजना अब बंदी के कगार पर है.
नोटबंदी का 34 वां दिन: कहीं भीड़ कम तो कहीं ज्यादा पर कई समस्याएं बरक़रार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 13, 2016
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