पिछले
कई दिनों से आरण के लोगों में जो कौतूहल व्याप्त था वो आज समाप्त हुआ. आज सुबह
करीब साढ़े दस बजे सायरन बजाते हुए गाड़ियों के काफिले के साथ मुख्यमंत्री श्री
नीतीश कुमार आरण गाँव पहुँचे.
ग्रामीणों ने नारे लगाते हुए मुख्यमंत्री का स्वागत
किया. प्रोटोकॉल के तहत आरण गाँव में ही प्रशासन के द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
इसके बाद मोर को करीब से देखने के लिए मुख्यमंत्री ने आरण की गलियों और
खेत-खलिहानों की ओर प्रस्थान किया जहाँ उनके सुरक्षाकर्मियों और संबंधित
पदाधिकारियों सहित किसी को साथ जाने की इजाजत नहीं थी. मोर देखकर वापस आते
मुख्यमंत्री भी रोमांचित थे और आश्चर्यचकित भी कि सिर्फ आरण गाँव में ही ऐसा क्या
ख़ास है जहाँ ऐसे वन्यजीव पल-बढ़ रहे हैं. गाँव में रच-बस चुके मोर के लिए यहाँ के
अनुकूल वातावरण और वन्यजीव के प्रति ग्रामीणों की मानवीय संवेदनाओं के प्रति मुख्यमंत्री
अति प्रसन्न थे.
आरण
में मोर को पंजाब से सर्वप्रथम मंगवाकर पालने वाले वृद्ध किसान अभिनंदन यादव उर्फ़
कारी झा को मुख्यमंत्री ने विशेष रूप सम्मानित किया और बधाई दी. उन्होंने कारी झा
को अपने पास बैठाकर उनसे मोर के बारे में बहुत कुछ पूछा और अपनी जिज्ञासा शांत की.
विशेष
रूप से बनाए गए पंडाल में वन एवम् पर्यावरण विभाग द्वारा बनवाए गए डॉक्यूमेंट्री
फिल्म को मुख्यमंत्री को दिखाया गया जिसे पटना के साक्षी कम्यूनिकेशन ने आरण गाँव
के मोर पर विशेष रूप से फिल्माया है. साक्षी कम्यूनिकेशन के निदेशक श्री आर बी
सिंह के कुशल निर्देशन में बने 12 मिनट 50 सेकेंड के उस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को मुख्यमंत्री
ने बड़े चाव से देखा. मग्न होकर फिल्म को देखने के दौरान मुख्यमंत्री ने शोरगुल
होने पर लोगों को शांत रहने को भी कह रहे थे. उस दौरान ग्रामीणों की आशाएं चरम पर
थी कि फिल्म देखने के बाद मुख्यमंत्री आरण के लिए कुछ विशेष घोषणा भी करेंगे पर
गाँव के लिए कुछ भी नहीं कहे जाने पर ग्रामीण निराश थे.
‘मयूर ग्राम’: कारी झा किए गए सम्मानित पर आरण के लिए नहीं हुई कोई घोषणा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 17, 2016
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