मयूर ग्राम आरण: मुख्यमंत्री के आगमन से एक दिन पहले..

आज आरण में सर्वत्र खुशी का माहौल है. सभी ग्रामीण रोमांचित हैं कि मुख्यमंत्री क्या घोषणा करते हैं यहाँ के लिए.  क्या-क्या सौगातें मिल सकती हैं नीतीश कुमार के द्वारा? अभ्यारण्य बनने की घोषणा करेंगे क्या?
अभ्यारण्य बनने की दिशा में क्या-क्या बदलाव देखने को मिल सकता है. गाँव के चौक-चौबारों पर लोगों में सिर्फ मुख्यमंत्री के आगमन की चर्चा के साथ-साथ कौतूहल सा है कि मुख्यमंत्री क्या पूछेंगे और हम ग्रामीणों के द्वारा क्या मांगें रखी जाएंगी.. इत्यादि इत्यादि..

आरण में सर्वप्रथम मोर को मंगवाने वाले बुजुर्ग अभिनंदन यादव उर्फ़ 'कारी झा' को बधाईयाँ देने वालों का तांता लगा हुआ है. अफसर की गाड़ियों को आते देख लोग जिज्ञासावश उनकी ओर लपकते हैं तो कभी हम जैसे पत्रकारों को कैमरा चमकाते देख लोगों हुज़ूम अपनी जिज्ञासा शांत करने पहुँचते हैं.

मुख्यमंत्री के निजी सुरक्षाकर्मियों सहित सरकारी अधिकारियों का आरण दौरा ज़ारी है. किसी भी प्रकार की चूक हो इसके लिए सरकारी पदाधिकारी भी तमाम व्यवस्था दुरूस्त करने में व्यस्त हैं. सरकारी स्तर पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म का निर्माण कर रहे साक्षी कम्यूनिकेशन के निदेशक श्री आर बी सिंह भी अपने पूरी टीम के साथ ही मोर के साथ मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की कवरेज करने हेतु आरण पधार चुके हैं.

इस गाँव में इससे पहले कभी भी सरकारी अधिकारियों का इस तरह का दौरा नहीं हुआ है. सभी विभाग अपनी ओर से सारी तैयारियाँ कर रहे हैं. मुख्यमंत्री के संभावित आगमन को देखते हुए वन विभाग ने कुछ महीने पूर्व से ही इस गाँव को हरा-भरा करने के उद्देश्य से सड़क किनारे वृक्षारोपण का कार्यक्रम प्रारंभ कर दिया है.

ग्रामीणों में सबसे ज्यादा चिंता मोर की घटती संख्या को लेकर है. यहाँ के एक बुद्धिजीवी किसान कृष्ण कुमार कुंदन उर्फ़ 'झून्नू यादव' ने इसके पीछे रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग ही सबसे प्रमुख कारण मानते हैं.  इसके अलावा ये भी कहते हैं कि मोबाईल टावर भी पक्षियों के जीवन के लिए प्रतिकूल प्रभाव बनाते हैं.  यही नहीं, अंदेशा है कि गाँव में बिजली के नंगे तारों की वजह से भी यदाकदा इनकी जानें जा रही है. इन बिंदूओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपने की मन बनाया है ताकि गाँव में कृषि हेतु जैविक खाद का प्रयोग को बढ़ावा मिले, मोबाईल टावरों को गाँव से दूर विस्थापित किया जा सके और सरकार के द्वारा इसके लिए पक्षी विशेषज्ञों की टीम नियुक्त हो. सही वातावरण में ही मोर की आबादी बढ़ सकती है और सरकार के द्वारा इस दिशा में एक साकारात्मक प्रयास हो ताकि यहाँ राष्ट्रीय पक्षी की बहुलता बढ़े ताकि देश दुनियां में बिहार और आरण का नाम चर्चा में आए...   
मयूर ग्राम आरण: मुख्यमंत्री के आगमन से एक दिन पहले.. मयूर ग्राम आरण: मुख्यमंत्री के आगमन से एक दिन पहले.. Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 16, 2016 Rating: 5
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