मधेपुरा में एक तरफ जहाँ पीएम मोदी के कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक से लोगों में काफी ख़ुशी देखी जा रही है, वहीँ 500 और 1000 के रुपये पर अचानक प्रतिबंध लग जाने से चारो तरफ कोहराम की स्थिति है.
जिले में अफरातफरी का माहौल है और शहर के पेट्रोल पम्प हो या फिर सब्जी मंडी लोगों को भारी परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है. और तो और लोगों को कफ़न के कपड़े भी खरीदने में भी समस्या उत्पन्न हो गई है. जबकि कई लोगों ने पीएम मोदी की इस फैसले को काफी सराहनीय और साहसिक कदम बताया और लोग काफी खुश दिख रहे हैं. लेकिन तत्काल इन रूपयों पर प्रतिबंध लगाये जाने से जिले में चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है. खासकर गरीब तबके के लोग बेजार नजर आने लगे हैं.
पीएम मोदी के कालाधन पर सर्जिकल स्ट्राइक से खासकर मधेपुरा के वार्ड संख्या 11 के एक शख्स को उस वक्त एक बड़ा झटका लगा जब 500 रुपये के नोट लेकर उसे बाजार में घंटों भटकना पड़ा. कई दुकानदारों के पास कफ़न के कपड़े को लेकर भटकता रहा इंसान लेकिन इन गरीबों की मज़बूरी किसी दुकानदार ने नहीं समझी. पीड़ित को बैरंग घर लौटना पड़ा. बाद में वार्ड पार्षद पति मो. इशरार अहमद ने दो सौ रुपये दिए तब जाकर कफ़न का कपडा नसीब हुआ. ऐसा लग रहा था कि पीएम मोदी के सर्जिकल स्ट्राइक से मधेपुरा के कपड़े दुकानदार की मानवता शर्मसार हो गयी थी, जबकि उन्हें बैंक से 500 और 1000 मूल्य के रुपये बदलने के लिए अभी 50 दिनों का समय मिला हुआ है. जब इनामुल हक़ नामक शख्स रूपये रहने के बावजूद बाजार में चारो तरफ घूमकर थक गया तो इनके ही वार्ड पार्षद का हाथ मदद के लिए बढ़ा, जो काफी सराहनीय कदम है . अब परिजनों को चिंता इस बात की भी सता रही है कि आगे का कार्यक्रम और श्राध्द कर्म कैसे होगा? बहराल पीड़ित परिजन समेत घर के लोग काफी परेशान जरुर हैं.
(Report: Kumar Shankar Suman)
पीएम मोदी के कालाधन पर सर्जिकल स्ट्राइक से खासकर मधेपुरा के वार्ड संख्या 11 के एक शख्स को उस वक्त एक बड़ा झटका लगा जब 500 रुपये के नोट लेकर उसे बाजार में घंटों भटकना पड़ा. कई दुकानदारों के पास कफ़न के कपड़े को लेकर भटकता रहा इंसान लेकिन इन गरीबों की मज़बूरी किसी दुकानदार ने नहीं समझी. पीड़ित को बैरंग घर लौटना पड़ा. बाद में वार्ड पार्षद पति मो. इशरार अहमद ने दो सौ रुपये दिए तब जाकर कफ़न का कपडा नसीब हुआ. ऐसा लग रहा था कि पीएम मोदी के सर्जिकल स्ट्राइक से मधेपुरा के कपड़े दुकानदार की मानवता शर्मसार हो गयी थी, जबकि उन्हें बैंक से 500 और 1000 मूल्य के रुपये बदलने के लिए अभी 50 दिनों का समय मिला हुआ है. जब इनामुल हक़ नामक शख्स रूपये रहने के बावजूद बाजार में चारो तरफ घूमकर थक गया तो इनके ही वार्ड पार्षद का हाथ मदद के लिए बढ़ा, जो काफी सराहनीय कदम है . अब परिजनों को चिंता इस बात की भी सता रही है कि आगे का कार्यक्रम और श्राध्द कर्म कैसे होगा? बहराल पीड़ित परिजन समेत घर के लोग काफी परेशान जरुर हैं.
(Report: Kumar Shankar Suman)
कालेधन पर पीएम के सर्जिकल स्ट्राइक से बाजार में कफ़न के लिए भटकता रहा इंसान
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 09, 2016
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