मधेपुरा के भेलवा निवासी गाँव से शहर की ओर निकले थे पाँच सौ रूपये के नोट बदलने. नोट तो नही बदले लेकिन होठ ज़रूर सूखे पर गये.
मारामारी का आलम आज भी मधेपुरा में बना रहा. आज़ मधेपुरा के भेलवा निवासी भवेश नँदन दास जी ने सोचा कि सब पाँच सौ के नोटों कॊ बदलवा रहे हैं तो हम भी आज़ बदल कर आ जाते हैं, पता नहीं सरकार का कब क्या फरमान परवान चढ़े और हम जिन्दगी की दौड़ में पिछड़ जाएँ.
भवेश नँदन दास जी घर से निकले और स्टेट बैंक मधेपुरा मॆन ब्रांच पहुंचे. अपने नोट कॊ बदलने के लिए अपनी मोटर सायकिल (हीरो स्पेलेंडर BR 43C 7160) कॊ बाहर पार्किंग कर बैंक के अंदर चले गए. पर भीड़ इतनी थी कि कुछ ही देर में हिम्मत जवाब दे गई और बाहर आये. पर यहाँ तो सर पकड़ कर बैठ जाने की नौबत आ गई. बाहर से उनकी बाइक गायब थी. पहले इधर-उधर काफी खोजबीन किया तब समझ में आया कि नोट बदलने की जरूरत में भवेश जी बड़ी चोट खा गए हैं. तुरंत सदर थाना मधेपुरा कॊ सूचित किया.
सवाल है कि रोज इतनी भीड़ जुट रही है, लेकिन जिला प्रशासन की व्यवस्था में कमी है. अपराधी अब इस भीड़ में भी सक्रिय हो गए हैं. अभी तो ये पहली घटना है, अगर पुलिस इसी तरह सुस्त रही तो नोट बदलने आये लोगों के साथ और आगे क्या होगा कोई नहीं जानता!
भवेश नँदन दास जी घर से निकले और स्टेट बैंक मधेपुरा मॆन ब्रांच पहुंचे. अपने नोट कॊ बदलने के लिए अपनी मोटर सायकिल (हीरो स्पेलेंडर BR 43C 7160) कॊ बाहर पार्किंग कर बैंक के अंदर चले गए. पर भीड़ इतनी थी कि कुछ ही देर में हिम्मत जवाब दे गई और बाहर आये. पर यहाँ तो सर पकड़ कर बैठ जाने की नौबत आ गई. बाहर से उनकी बाइक गायब थी. पहले इधर-उधर काफी खोजबीन किया तब समझ में आया कि नोट बदलने की जरूरत में भवेश जी बड़ी चोट खा गए हैं. तुरंत सदर थाना मधेपुरा कॊ सूचित किया.
सवाल है कि रोज इतनी भीड़ जुट रही है, लेकिन जिला प्रशासन की व्यवस्था में कमी है. अपराधी अब इस भीड़ में भी सक्रिय हो गए हैं. अभी तो ये पहली घटना है, अगर पुलिस इसी तरह सुस्त रही तो नोट बदलने आये लोगों के साथ और आगे क्या होगा कोई नहीं जानता!
नोट तो नहीं बदला पर होठ जरूर सूख गए क्योंकि बैंक के बाहर से बाइक चोरी हो गई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
November 14, 2016
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