‘बिहार
के लोग काफी अच्छे हैं और उनमें सहयोग तथा आतिथ्य संस्कार की भावना भरी हुई है.
हमने यहाँ आने से पहले बिहार के बारे में काफी गलत चीजें सुनी थी. मीडिया में जो बिहार की धूमिल छवि दिखाई जा रही है वो वास्तविक (रीयल) नहीं है. बिहार काफी सुरक्षित जगह है और मधेपुरा आकर भी मुझे काफी अच्छा लगा.’
हमने यहाँ आने से पहले बिहार के बारे में काफी गलत चीजें सुनी थी. मीडिया में जो बिहार की धूमिल छवि दिखाई जा रही है वो वास्तविक (रीयल) नहीं है. बिहार काफी सुरक्षित जगह है और मधेपुरा आकर भी मुझे काफी अच्छा लगा.’
चेक रिपब्लिक के प्राग से बिहार और भारत
के बुद्धिस्ट साइट्स घूमने, हिंदी सीखने तथा यहाँ के बंगला साहित्य से जुड़े कुछ
दम्पतियों से मिलने के उधेश्य से भारत आये दो मित्र जेबनेक मुचा (Zbynek Mucha) और वीरा जेलिनकोवा (Vera
Jelinkova) का कुछ ऐसा ही मानना है. उनके अनुसार भारत देश की छवि
विदेशों में भी काफी अच्छी है और वे यहाँ
बार-बार आना चाहेंगे. उन्हें यह देश अपने घर जैसा लगने लगा है.
फिलहाल पश्चिम बंगाल में
शान्ति निकेतन में रहकर बंगला साहित्य के रिसर्च से जुड़े छात्र जेबनेक
और छात्रा वीरा वहीँ अध्ययन कर रहे हमारे मधेपुरा निवासी एक पाठक
आकाश से मित्रता के बाद अचानक मधेपुरा आये तो उनका आगमन मधेपुरा टाइम्स कार्यालय हुआ. घंटों उनके विषय के
अलावे भारत के बारे में उनके देश के लोगों की सोच और बिहार उन्हें कैसा लगा आदि मुद्दों पर उनसे बातें हुई.
भारत की मजबूत और अच्छी छवि की चर्चा करते हुए बिहार को भी उन्होंने सुरक्षित जगह बताया. वीरा ने बताया कि वह हिंदी भी बोलना चाहती है और उसे तो बिहार के लोगों का व्यवहार और आतिथ्य संस्कार प्रभावित कर ही गया साथ ही बिहार के बारे में मीडिया में आ रही छवि के विपरीत यहाँ सबकुछ लगा.
रहने और घूमने के लिए यह काफी सुरक्षित जगह है.
जाते समय वीरा ने
भारतीय संस्कृति का अनुसरण करते हुए हाथ जोड़कर 'नमस्ते' कहा
और यह भी कहा कि मधेपुरा
टाइम्स ऑफिस से जाने का मन ही नहीं कर रहा है.

जेबनेक मुचा (Zbynek Mucha) और वीरा जेलिनकोवा (Vera Jelinkova) से बातचीत का अंश इस वीडियो में देख सकते हैं. यहाँ क्लिक करें.
(रिपोर्ट: आर. के. सिंह, कैमरा: मुरारी सिंह)
‘मीडिया में दिखाई जा रही बिहार की खराब छवि रीयल नहीं’: विदेशी पर्यटक
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 27, 2016
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